शरीर में इम्यूनिटी बढ़ाने, दिमाग और कोशिकाओं के काम करने के लिए विटामिन D बहुत ज़रूरी है। अगर आपके शरीर में इसकी कमी हो रही है, तो कुछ खास लक्षणों से आप इसे पहचान सकते हैं।
विटामिन D शरीर के लिए बहुत ज़रूरी पोषक तत्वों में से एक है। इसे "सनशाइन विटामिन" भी कहते हैं, क्योंकि हमारी त्वचा इसे सूरज की रोशनी के संपर्क में आने पर बना सकती है। हड्डियों की सेहत, रोग प्रतिरोधक क्षमता, मूड और संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए विटामिन D काफ़ी अहम भूमिका निभाता है। विटामिन D की कमी होना आम बात है, खासकर उन लोगों में जिन्हें सूरज की रोशनी कम मिलती है।
लगातार थकान और कमज़ोरी:
अगर आप हमेशा थके हुए और ऊर्जाहीन महसूस करते हैं, तो यह विटामिन D की कमी का एक प्रमुख लक्षण हो सकता है। विटामिन D ऊर्जा के स्तर को प्रभावित करता है और लगातार थकान का कारण बन सकता है।
हड्डियों में दर्द और मांसपेशियों में कमज़ोरी:
हड्डियों की सेहत के लिए विटामिन D बहुत ज़रूरी है, क्योंकि यह कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। विटामिन D की कमी होने पर, हड्डियां कमज़ोर हो सकती हैं और हड्डियों में दर्द और मांसपेशियों में कमज़ोरी हो सकती है। बच्चों में यह रिकेट्स नामक बीमारी का कारण बन सकता है, जिसमें हड्डियां मुलायम और टेढ़ी हो जाती हैं। वयस्कों में यह ऑस्टियोमलेशिया नामक स्थिति पैदा कर सकता है, जिससे हड्डियों में दर्द और कमज़ोरी होती है।
बार-बार बीमार पड़ना:
एक मज़बूत इम्यून सिस्टम को बनाए रखने में विटामिन D की अहम भूमिका होती है। अगर आपके विटामिन D का स्तर कम है, तो आपको बार-बार सर्दी, ज़ुकाम और अन्य संक्रमण हो सकते हैं।
मूड में बदलाव और डिप्रेशन:
विटामिन D की कमी और मूड से जुड़ी समस्याओं, खासकर डिप्रेशन और चिंता के बीच एक संबंध है। दिमाग में विटामिन D रिसेप्टर्स होते हैं, और इसकी कमी न्यूरोट्रांसमीटर के कामकाज को प्रभावित कर सकती है, जिससे मूड में बदलाव हो सकते हैं।
घाव भरने में देरी:
सर्जरी या चोट के बाद, अगर घाव धीरे-धीरे भरते हैं, तो यह आपके विटामिन D के स्तर के कम होने का संकेत हो सकता है। विटामिन D घाव भरने की प्रक्रिया के लिए ज़रूरी यौगिकों के उत्पादन में शामिल होता है।
बालों का झड़ना:
विटामिन D की कमी से बाल ज़्यादा झड़ सकते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि यह एलोपेसिया एरीटा जैसी गंभीर बालों से जुड़ी समस्याओं से भी जुड़ा है।
पीठ में लगातार दर्द:
चूँकि विटामिन D हड्डियों की सेहत में मदद करता है, इसलिए इसकी कमी से पीठ में लगातार दर्द हो सकता है। यह पीठ और गर्दन की मांसपेशियों में तनाव का एक कारण भी हो सकता है।
मसूड़ों की बीमारी और दांतों की समस्या:
स्वस्थ मसूड़ों के लिए विटामिन D ज़रूरी है, क्योंकि यह कैल्शियम को अवशोषित करने में मदद करता है। विटामिन D की कमी पेरियोडोंटाइटिस के खतरे से जुड़ी है, जिससे मसूड़ों में सूजन और खून आ सकता है।
नींद न आना:
विटामिन D शरीर के सर्केडियन रिदम और नींद के पैटर्न को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाता है। विटामिन D की कमी से नींद न आना या नींद की गुणवत्ता खराब हो सकती है।
विटामिन D की कमी को कैसे पूरा करें?
- विटामिन D पाने का सबसे अच्छा तरीका धूप है। रोज़ाना सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक लगभग 10-15 मिनट धूप में रहना अच्छा होता है।
- सनस्क्रीन लगाने से विटामिन D का उत्पादन कम हो जाता है, इसलिए जहाँ तक हो सके बिना सनस्क्रीन के धूप में रहें।
- सैल्मन, टूना जैसी मछलियाँ, बीफ़ लिवर, पनीर, मशरूम, अंडे की जर्दी, विटामिन D युक्त दूध, संतरे का रस, अनाज जैसे प्राकृतिक रूप से विटामिन D से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें।