सार

बच्चों के लिए पर्सनल हाइजीन टिप्स: अपने बच्चे को ये 5 ज़रूरी आदतें ज़रूर सिखाएं।

हेल्थ डेस्क। पर्सनल हाइजीन हमारी सेहत से जुड़ी उन चीज़ों से बनी है जो सीधे तौर पर हमारी सेहत को प्रभावित करती हैं। यह हम सभी के लिए बहुत ज़रूरी है, खासकर हमारे बच्चों के लिए। बच्चों को पर्सनल हाइजीन के बारे में सिखाना हर माता-पिता की ज़िम्मेदारी है। अगर ऐसा नहीं किया गया, तो आगे चलकर इससे उनकी जीवनशैली और सेहत दोनों को नुकसान हो सकता है। 

अगर बच्चों में साफ़-सफ़ाई की कमी होगी, तो वे आसानी से बीमार पड़ सकते हैं। इसकी वजह है कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता हमारी तुलना में कमज़ोर होती है। इसलिए, बच्चों की साफ़-सफ़ाई का खास ध्यान रखें और उन्हें बचपन से ही पर्सनल हाइजीन की आदतें सिखाएं। आइए जानते हैं बच्चों को कौन सी 5 पर्सनल हाइजीन आदतें सिखानी चाहिए।

1. हाथों की सफाई

सेहतमंद रहने के लिए हाथों का साफ़ होना बहुत ज़रूरी है। हाथों में कई तरह के बैक्टीरिया और वायरस होते हैं, जो आसानी से हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं। इसलिए बच्चों को छोटी उम्र से ही हाथ साफ़ रखने की आदत डालें। उन्हें खाना खाने से पहले और बाद में हाथ धोने की आदत डालें। इसके अलावा, उन्हें खेलने के बाद, पालतू जानवरों को छूने के बाद, बीमार लोगों से मिलने के बाद, बाहर से या किसी दूसरे शहर से घर आने पर भी साबुन से हाथ धोने के लिए कहें।

2. दांतों की सफाई

बच्चों को दांतों की सफ़ाई के बारे में बताएं। उन्हें कुछ भी खाने के बाद कुल्ला करने की आदत डालें। साथ ही, उन्हें सुबह उठने के बाद और सोने से पहले ब्रश करने के लिए कहें। हो सके तो हर बार खाने के बाद ब्रश करने और जीभ साफ़ करने की आदत डालें। 

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3. नहाने की सफाई

चार साल की उम्र के बाद अपने बच्चे को नहाने से जुड़ी साफ़-सफ़ाई के बारे में ज़रूर बताएं। उन्हें बताएं कि रोज़ नहाना क्यों ज़रूरी है, कैसे नहाना चाहिए और शरीर के किन हिस्सों को साफ़ रखना चाहिए। खासतौर पर उन्हें नहाते समय बाल, गर्दन, कमर, पेट, हाथ, पैर, कोहनी और घुटने कैसे साफ़ करने हैं, यह सिखाएं।

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4. नाखूनों की सफाई

अपने बच्चे को समय-समय पर नाखून साफ़ करने के लिए कहें। नाखूनों में गंदगी और बैक्टीरिया छिपे होते हैं, जो सीधे हमारे शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। इससे सेहत खराब हो सकती है। इसलिए उन्हें समय-समय पर नाखून काटने और नहाते समय नाखून साफ़ करने की आदत डालें।

5. टॉयलेट का इस्तेमाल

जब आपका बच्चा चार साल का हो जाए, तो उसे टॉयलेट इस्तेमाल करने का सही तरीका सिखाएं। खासतौर पर टॉयलेट इस्तेमाल करने के बाद साबुन से हाथ धोना, उंगलियों के बीच, हाथों के पीछे और नाखूनों को अच्छी तरह साफ़ करना सिखाएं।

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