देश के कई इलाकों में बड़े बम धमाकों की कोशिश को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने नाकाम कर दिया है। इस मामले की जांच तेज़ कर दी गई है। ताज़ा जानकारी के मुताबिक, इस केस का संबंध विजयनगरम ज़िले से भी जुड़ा है। 

देश के संवेदनशील इलाकों में बम धमाके करने की योजना बनाने वालों पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने अपनी जांच तेज़ कर दी है। इसी सिलसिले में सोमवार (20 मई) को NIA अधिकारी आंध्र प्रदेश के विजयनगरम पहुंचे।

उन्हें मिली जानकारी के अनुसार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में बम धमाके करने की पूरी योजना बनाई गई थी। इस साज़िश का सरगना समीर है। उसने ‘अल-हिंद इत्तेहादुल मुसलमान’ नाम से छह लोगों का एक गिरोह बनाया था। इसमें विजयनगरम का सिराज-उर-रहमान भी शामिल है।

कौन है ये सिराज?

सिराज विजयनगरम में पैदा हुआ और 2017 में उसने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। उसके पिता विजयनगरम रूरल स्टेशन में ASI हैं और भाई SDF पुलिस कांस्टेबल है। इंजीनियरिंग के बाद उसने दो बार SI की परीक्षा दी, लेकिन फेल हो गया। ग्रुप-2 की परीक्षा में भी उसे सफलता नहीं मिली। 2024 के सितंबर-अक्टूबर में उसने 108 सेवाओं में टेलीकॉलर के तौर पर काम किया।

हैदराबाद में रहने के दौरान सोशल मीडिया ग्रुप के ज़रिए उसकी मुलाकात बोइगुडा के समीर से हुई। इसके बाद वारंगल के परहान मोइनुद्दीन और उत्तर प्रदेश के बदर से भी उसकी जान-पहचान बढ़ी। ये सभी मिलकर देश के कई हिस्सों में बम धमाके करने की साज़िश रच रहे थे।

22 नवंबर 2024 को समीर और सिराज मुंबई गए और वहां 10 लोगों से मिले। 26 जनवरी 2025 को समीर दिल्ली गया और शाबाज़ और जीवन से मिलने की कोशिश की। जब उसे पता चला कि शाबाज़ विदेश चला गया है, तो अगले दिन वह मंडूली में सलमान खान से मिला।

समीर, सिराज और बिहार का रहने वाला अबू मुसाब (जो अभी सऊदी में है) सिग्नल ऐप पर चैट के ज़रिए बात करते थे और कम खर्च में विस्फोटक बनाने और भीड़-भाड़ वाली जगहों पर धमाके करने की योजना बना रहे थे।

पुलिस इनकी हरकतों पर नज़र रख रही थी और आखिरकार समीर और सिराज को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके पास से टैब, एल्युमीनियम पाउडर, पोटेशियम नाइट्रेट, सल्फर, पीवीसी गम जैसे विस्फोटक बरामद हुए। इन पर भारतीय दंड संहिता की नई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।