सार
हेल्थ डेस्क: सहजन जिसे मोरिंगा या ड्रमस्टिक भी कहा जाता है। आज हम आपको इसके चपटपे चीला, बचका या पकौड़ा बना सकते हैं। हम सब जानते हैं इसके फूल और पत्तों को खाने के अनगिनत फायदे हैं। तो बिना देर किए जानिए इसके पकौड़ी और बचका बनाने की विधि, और अपने परिवार वालों के साथ इसका आनंद लीजिए। आइए जानते हैं इसके पकौड़े बानने की विधि।
- 1 गुच्छा सहजन के पत्ते
- 1 कप या जितने सहजन के फूल उपलब्ध हों
- 1/2 कप चावल का आटा
- 3 बड़े चम्मच बेसन
- 1/2 चम्मच हल्दी पाउडर
- 1 चम्मच या स्वादानुसार मिर्च पाउडर
- 2 चुटकी हींग
- स्वादानुसार नमक
- आवश्यकतानुसार तेल
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सहजन के पकौड़े बनाने की विधि
- सबसे पहले सहजनके पत्तों और फूलों को मोटे डंठलों से अलग कर लें। फिर इसे अच्छे से धोकर किसी बड़ी छलनी पर कुछ देर के लिए रख दें। अब इसे चाकू से काटकर एक प्याले में रख लें। इसमें चावल का आटा, बेसन, नमक, हींग, हल्दी और मिर्च पाउडर डालकर हाथों से मसलते हुए अच्छे से मिला लें। फिर इसमें थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर पकौड़े जैसा घोल बना लें।
- इसे ढककर कम से कम 10 मिनट के लिए रख दें। इसके बाद जिस लोहे की कड़ाही में पहले से पराठे बनाकर तेल लगाकर चिकना कर लें, उसे गैस पर गर्म होने के लिए रख दें। जब तवा गरम हो जाए तो आंच धीमी कर दें और उसमें एक चम्मच तेल डालें। फिर एक बड़े चम्मच (सर्विंग स्पून) से घोल लें और उसे तवे पर मोटा-मोटा फैला दें और चम्मच के पिछले हिस्से से सभी तरफ से ठीक कर दें।
- इसे धीमी आंच पर पकने दें। जब ऊपर का गीलापन खत्म हो जाए तो किनारों और ऊपर तेल लगाएं और धीरे-धीरे बच्च को पलटकर तवे से नीचे की तरफ से अलग कर दें। किनारे पर थोड़ा तेल डालें। इसे धीमी आंच पर कुछ देर पकने दें। दूसरी तरफ से जल्दी पक जाएगा। इसे चीले की तरह दोनों तरफ से लाल कर लें। जब दूसरी तरफ से हल्का लाल हो जाए और आपको लगे कि पहली तरफ से कम लाल है तो इसे एक बार और पलट दें लेकिन तेल न डालें। फिर से तवे पर तेल लगाएं और दूसरे बच्च के लिए घोल फैलाएं। बचे हुए घोल से पहले वाले की तरह ही बच्चका बनाएं। इसे गरमागरम सर्व करें।
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नोट
आप इसे बिना मैदा डाले भी बना सकते हैं। इसे बनाते समय ध्यान रखें कि इसमें चावल के आटे की मात्रा बेसन से ज़्यादा हो। वैसे तो आप इसे नॉन-स्टिक पैन में भी बना सकते हैं, लेकिन लोहे की कड़ाही में इसका टेक्सचर ज़्यादा अच्छा होता है। आप इसका आकार अपनी ज़रूरत के हिसाब से छोटा रख सकते हैं। इसका आकार चीले से थोड़ा छोटा होता है।
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