केमिकल से पकाने पर केला और अमरूद काले पड़ जाते हैं। इन फलों में मौजूद एंजाइम केमिकल से रिएक्ट करते हैं, जिससे ये खराब हो जाते हैं। प्राकृतिक तरीके से पकाने के लिए इन्हें कमरे के तापमान पर, पेपर बैग में या पके हुए सेब/पपीते के पास रखें।
आजकल ज्यादातर फलों में केमिकल और कार्बोनेट डालकर पकाया जा रहा है। ये जहरीले केमिकल हमारे सेहत के लिए बहुत नुकसान दायक है, इन्हें खाने से हमारे सेहत में तमाम तरह की समस्या होती है। ऐसे में हम आपको दो ऐसे फलों के बारे में बताएंगे, जिसे अगर केमिकल से पकाया जाए तो ये काले पड़ जाएंगे। केला और अमरूद दो ऐसे फल हैं जिनपर केमिकल का जादू नहीं चलता, यानी केमिकल डालकर इन्हें पकाने या पकावट बढ़ाने की कोशिश करने पर ये फल काले पड़ जाते हैं। आइए विस्तार से समझते हैं क्यों ऐसा होता है और इन्हें प्राकृतिक तरीके से कैसे पकाएं।
1. केला और अमरूद पर केमिकल डालने पर क्यों पड़ते हैं काले?
एंजाइमेटिक ब्राउनिंग (Enzymatic Browning):
केला और अमरूद में ऐसे एंजाइम्स होते हैं जो केमिकल या अप्राकृतिक तरीकों से पकाने या प्रक्रिया में शामिल होने पर सक्रिय हो जाते हैं। ये एंजाइम्स फल के अंदर के पॉलीफेनोल्स को ऑक्सीडाइज कर देते हैं, जिससे फल का रंग काला या भूरा पड़ जाता है।
केमिकल से रासायनिक प्रतिक्रिया:
केमिकल्स में मौजूद तत्व (जैसे कैल्शियम कार्बोनेट या ईथिलीन गैस) फल के प्राकृतिक मापदंडों को बिगाड़ देते हैं। फल के अंदर मौजूद प्राकृतिक एंजाइम सक्रिय हो जाते हैं और फल जल्दी खराब या काला पड़ जाता है।
फल की नाजुकता:
केला और अमरूद बहुत नाजुक फल होते हैं। ये केमिकल की वजह से स्ट्रेस में आ जाते हैं, जिससे उनके सेल टूट जाते हैं और काला पड़ना शुरू हो जाता है।
2. कैमिकल डालने का असर
- स्वाद और गुणवत्ता खराब हो जाती है।
- फल का पोषण घट जाता है।
- स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
- फल जल्दी खराब और काला पड़ जाता है।
3. केला और अमरूद को प्राकृतिक तरीके से पकाने के टिप्स
(i) प्राकृतिक पकावट के लिए सही तापमान:
- केले और अमरूद को कमरे के तापमान पर रखें। बहुत ठंडा या बहुत गर्म जगह पर रखने से पकने की प्रक्रिया धीमी या खराब हो सकती है।
- आमतौर पर 20-25 डिग्री सेल्सियस तापमान फल के लिए अच्छा रहता है।
(ii) इथिलीन गैस से प्राकृतिक पकावट:
- केले और अमरूद को ऐसे फलों के पास रखें जो इथिलीन गैस छोड़ते हैं, जैसे पका हुआ सेब या पका हुआ पपीता।
- इससे ये फल जल्दी और प्राकृतिक रूप से पकते हैं।
(iii) पेपर बैग मे रखना:
- केले या अमरूद को पेपर बैग में रखकर बंद करें।
- यह इथिलीन गैस को अंदर रखता है, जिससे फल जल्दी पकता है और प्राकृतिक तरीके से पकने पर रंग भी बना रहता है।
(iv) फल को नरम और पका हुआ महसूस होने पर खाएं:
- पकने का सही संकेत फल का नरम होना और खुशबू आना होता है।
- इससे आप समझ सकते हैं कि फल पूरी तरह से पका है।
(v) धूप में थोड़ी देर रखना:
- सुबह की हल्की धूप में फल को थोड़ी देर रखें, इससे प्राकृतिक गर्मी से पकावट बढ़ती है।
- ज्यादा तेज धूप में न रखें वरना फल सूख सकता है।