Akshay Tritiya bhog thali:अक्षय तृतीया, जिसे अखा तीज भी कहा जाता है, हिंदू पंचांग का एक अत्यंत शुभ दिन है। यह वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह पर्व 30 अप्रैल को मनाया जाए। इन दिन किए गए शुभ कार्यों का अविनाशी फल मिलता है। इसलिए इसे नई शुरुआतों, सोना खरीदने और दान करने के लिए आदर्श माना गया है।

इस अवसर पर कई लोग व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु व लक्ष्मी माता को भोग अर्पण करते हैं। ऐसे में बिना प्याज-लहसुन की शुद्ध सात्विक थाली बनाना न सिर्फ धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि हमारे शरीर और आत्मा को भी शुद्ध करता है। आइए बताते हैं 5 डिश जिसे आप बना सकती हैं।

1. आमरस

अक्षय तृतीया को आप आमरस का भोग भगवान को लगा सकती हैं। आइए बताते हैं इसकी रेसिपी

3–4 पके हुए हापुस आम

स्वादानुसार चीनी

1/4 चम्मच इलायची पाउडर

2 चम्मच दूध

केसर के धागे

आमरस बनाने की विधि:

आमों को धोकर छीलें और गूदा निकालें। ब्लेंडर में आम का गूदा, चीनी, इलायची और दूध मिलाकर ब्लेंड करें। ठंडा कर के पूरी के साथ परोसें।

2. कैरी भात (कच्चे आम का चावल)

सामग्री:

3 कप पका चावल

2 कच्चे आम (कद्दूकस किए हुए)

3 चम्मच तेल, राई, जीरा, उड़द और चना दाल

सूखी लाल मिर्च, करी पत्ते, हींग, हल्दी

हरा धनिया, नारियल बुरादा (गार्निश के लिए)

कैरी भात बनाने की विधि:

तेल गरम कर के तड़का लगाएं। फिर कद्दूकस की हुई कैरी डालकर 2 मिनट पकाएं। अब चावल और नमक मिलाएं। हरा धनिया और नारियल से सजाएं।

3. पूरी

सामग्री:

2 कप गेहूं का आटा

1 चम्मच सूजी

1/2 चम्मच नमक

घी या तेल

आवश्यकतानुसार पानी

पूरी बनाने की विधि:

आटे में सूजी, नमक और थोड़ा तेल मिलाकर सख्त आटा गूंथें। छोटी लोइयां बनाकर गोल पूरी बेलें। गरम तेल में सुनहरा होने तक तलें।

4. काकडीची कोशिंबीर (खीरे की ठंडी सलाद)

सामग्री:

2 खीरे, मूंगफली पाउडर, हरी मिर्च, धनिया

नारियल, नींबू या दही

राई, जीरा, हींग, करी पत्ते

काकडीची कोशिंबीर बनाने की विधि:

सारी सामग्री मिलाएं। ऊपर से तड़का डालें। ये ठंडी सलाद स्वाद और पाचन दोनों में फायदेमंद है।

5. आलू की भाजी

सामग्री:

4 उबले आलू

राई, जीरा, करी पत्ते, हरी मिर्च, हल्दी

हींग, नमक, चीनी, नींबू रस, धनिया

आलू की भाजी बनाने की विधि:

आलू को काट लें। तड़का लगाकर सारे मसाले और आलू डालें। नींबू और धनिया से सजाएं।

इस थाली की अहमियत

यह थाली न केवल स्वाद से भरपूर है, बल्कि ऋतु, संस्कृति और परंपरा का सुंदर संयोजन भी दिखाता है। इन चीजों का भोग लगाकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी को प्रसन्न करें।