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30,000 ₹ प्रति किलो! ये दुनिया का सबसे महंगा नमक, जानें क्या है खासियत?

दुनिया में एक अनोखे तरीके से बनाया गया नमक ₹30,000 प्रति किलो बिकता है। क्या आप उस नमक के बारे में जानते हैं?  

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Chanchal Thakur
Published : Jan 30 2025, 07:31 PM IST
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खाना पकाने में नमक को बहुत महत्व दिया जाता है। 'नमक बिना सब बेस्वाद' कहावत के अनुसार, हम जो भी खाना रोजाना खाते हैं, उसमें नमक होना ही चाहिए, तभी वह खाना स्वादिष्ट लगता है। इसलिए प्राचीन काल से लेकर आज तक नमक को महत्व दिया जाता रहा है।

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नमक हमें समुद्र के पानी के वाष्पीकरण से मिलता है। हाल के दिनों में, इस नमक को कृत्रिम रूप से वाष्पीकृत करके तैयार किया जा रहा है। इसी तरह... 30-40 साल पहले, हमने नमक को बोरियों में भरकर बेचते देखा होगा। लेकिन इस तरह बेचे जाने वाले नमक में आयोडीन नहीं होता है, इसलिए अब केवल आयोडीन युक्त नमक ही पैकेट में भरकर बेचा जाता है।

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दुकानों में मिलने वाला सफेद नमक 20 से 30 रुपये प्रति किलो बिकता है। इसके अलावा, पहाड़ों से खोदकर निकाला जाने वाला सेंधा नमक (लाल नमक) हाल के दिनों में लोकप्रिय हो रहा है। उस नमक की कीमत 120 से 150 रुपये के बीच होती है।

लेकिन इन दोनों नमकों के स्वाद में कोई खास अंतर नहीं होता। सफेद नमक की तुलना में, लाल रंग के इस नमक का खारापन थोड़ा कम लगता है। लेकिन इन सबसे बढ़कर, क्या आप यकीन कर सकते हैं कि एक किलो नमक 30 हजार रुपये में बिकता है?

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जी हां, दुनिया का सबसे महंगा नमक कोरिया में बनाया जाने वाला बांस का नमक है। इसका एक किलो 30 हजार रुपये में बिकता है। इसे कोरियन नमक या कोरियन बम्बू सॉल्ट भी कहते हैं। यह नमक न केवल कोरियाई व्यंजन बनाने के लिए, बल्कि पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में भी इस्तेमाल किया जाता है। वहां के लोग मानते हैं कि इस नमक के इस्तेमाल से शरीर की कई समस्याएं दूर हो जाती हैं।

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इस नमक की ऊंची कीमत का मुख्य कारण इसकी बनाने की विधि है। बांस के तनों में समुद्र के पानी के प्राकृतिक वाष्पीकरण से प्राप्त नमक को भरकर, उसके ऊपर पीली मिट्टी की मोटी परत चढ़ा दी जाती है। फिर चीड़ की लकड़ी का उपयोग करके इसे लगभग 9 बार आग में पकाया जाता है।

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मोटी मिट्टी की परत के कारण, अंदर का बांस और नमक बांस के गुणों को अवशोषित कर लेता है और एक अलग अवस्था में पहुँच जाता है। 9वीं बार, उस मिट्टी को लगभग 1000 डिग्री सेल्सियस पर गर्म किया जाता है, और फिर नमक को बाहर निकाला जाता है। उस नमक का रंग बदलकर पीला, लाल, नीला, बैंगनी, काला आदि हो जाता है। कहते हैं कि इस नमक में खारेपन के साथ-साथ एक अनोखी मिठास भी होती है। 

 इस नमक को बनाने में लगभग 50 दिन लगते हैं। इस नमक की कीमत अधिक होने के बावजूद, इसे खरीदने के लिए लोग होड़ लगाते हैं। कई लोग इसे बनाने से पहले ही ऑर्डर देकर खरीद लेते हैं।

Chanchal Thakur
About the Author
Chanchal Thakur
चंचल ठाकुर। मीडिया जगत में इनको 4 साल से ज्यादा अनुभव है। सितंबर 2024 से एशियानेट न्यूज हिंदी के साथ जुड़कर लाइफ स्टाइल बीट पर काम कर रही हैं। 2021-22 में अमर उजाला, 2023-24 में दैनिक जागरण संस्थान की वेबसाइट हर जिंदगी में ये काम कर चुकी हैं। पत्रकारिता में इनके पास BAJMC और MA की डिग्री है। लाइफस्टाइल, एंटरटेनमेंट, ट्रेन्डिंग और धर्म से जुड़ी खबरों में इनका इंट्रेस्ट है। इनसे chanchal.singh@asianetnews.in के माध्यम से संपर्क किया जा सकता है। Read More...
 
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