सार

6 जून 2022, दिन सोमवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि रहेगी। सोमवार को सूर्योदय मघा नक्षत्र में होगा, जो पूरे दिन रहेगा। सोमवार को मघा नक्षत्र होने से ध्वांक्ष नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है।
 

उज्जैन. पंचांग मुख्य रूप से 5 अंगों से मिलकर बना होता है। ये हैं करण, तिथि, नक्षत्र, वार और योग। इन सभी का अलग-अलग महत्व ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है। पंचांग के माध्यम से आप आसानी से हर दिन के शुभ मुहूर्त, राहु काल व ग्रहों के परिवर्तन के बारे में जान सकते हैं। पंचांग में आज कौन-सी तिथि और नक्षत्र तथा उनसे बनने वाले शुभ-अशुभ योगों की जानकारी भी दी जा सकती है। पंचांग को हिंदी कैलेंडर कहा जाए तो गलत नहीं होगा। पंचांग में ऐसी बहुत ही जानकारी भी होती है जो हमारे बहुत उपयोगी साबित हो सकती है। पुरातन समय में पंचांग हर घर की जरूरत होता था क्योंकि उस समय छोटे- छोटे काम भी मुहूर्त देखकर ही किए जाते थे। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

6 जून का पंचांग (Aaj Ka Panchang 6 June 2022)
6 जून 2022, दिन सोमवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि रहेगी। सोमवार को सूर्योदय मघा नक्षत्र में होगा, जो पूरे दिन रहेगा। सोमवार को मघा नक्षत्र होने से ध्वांक्ष नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। इस दिन राहुकाल सुबह 07:24 AM से 09:05 AM तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
सोमवार चंद्रमा सिंह राशि में, सूर्य और बुध वृषभ राशि में, राहु मेष राशि में, केतु तुला राशि में, मंगल, गुरु और शु्क्र मीन में और शनि कुंभ राशि में रहेंगे। सोमवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि मजबूरी में यात्रा करनी पड़े तो शीशे में अपना चेहरा देखकर या कोई भी पुष्प खा कर घर से निकलना चाहिए।

6 जून के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रमी संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- ज्येष्ठ
पक्ष- शुक्ल
दिन- सोमवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- मघा
करण- गर और वणिज
सूर्योदय - 5:44 AM
सूर्यास्त - 7:06 PM
चन्द्रोदय - 11:14 AM
चन्द्रास्त - 12:30 AM
अभिजीत मुहूर्त - 11:58 AM – 12:52 PM

6 जून का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 10:45 AM – 12:25 PM
कुलिक - 2:05 PM – 3:46 PM
दुर्मुहूर्त - 12:52 PM – 01:45 PM और 03:32 PM – 04:25 PM
वर्ज्यम् - 10:54 AM – 12:35 PM

आकाश मंडल का दसवां नक्षत्र है मघा
आकाश मंडल में दसवां नक्षत्र है मघा। मघा नक्षत्र से ही माघ मास का नामकरण हुआ है। अंतरिक्ष में मघा नक्षत्र में 6 तारे हैं, जो हंसिया या दरांती सरीखे आकृति का बनता है। मघा शब्द का अर्थ होता है बलवान, महान, शक्तिशाली। यह नक्षत्र सिंह राशि में होता है इसलिए जिन लोगों की सिंह राशि है उनका मघा नक्षत्र हो सकता है। मघा नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग महत्वाकांक्षी होते हैं यानी वे अपने जीवन में कुछ बड़ा करने की इच्छा रखते हैं। ये लोग जहां भी रहते हैं अपना दबदबा बनाकर रखते हैं। स्वभिमान ही इनका सबसे बड़ा धन होता है और इसके साथ कभी समझौता नहीं करते हैं।