सार

5 जुलाई 2022, दिन मंगलवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। मंगलवार को पहले पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से धूम्र नाम का अशुभ योग इसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होने से धाता नाम का शुभ योग इस दिन बनेगा। 
 

उज्जैन. पंचांग का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। कुछ विद्वानों का कहना है कि पंचांग वो दीपक है जो हमें सही मार्ग दिखाता है क्योंकि इसी के माध्यम से हमें शुभ मुहूर्त, ग्रहों की स्थिति, राहुकाल, योग, करण, तिथि आदि के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी मिलती है। पंचांग में कई जानकारियां सम्मिलित होती हैं जो हमारे दैनिक जीवन के लिए काफी उपयोगी साबित होती हैं। पंचांग या शाब्दिक अर्थ है पंच + अंग = पांच अंग यानि पंचांग। यही हिन्दू काल-गणना की रीति से निर्मित पारम्परिक कैलेण्डर या कालदर्शक को कहते हैं। पंचांग नाम इसके पांच प्रमुख भागों से बने होने के कारण है, जो इस प्रकार हैं, तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

आज गुप्त नवरात्रि का छठा दिन
आज आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का छठा दिन है। इस दिन देवी दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा की जाती है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, महर्षि कात्यायन की तपस्या से प्रसन्न होकर आदिशक्ति मां दुर्गा ने उनके यहां पुत्री के रूप में जन्म लिया था। मां के स्वरूप की बात करें तो इनकी चार भुजाएं हैं। दाहिनी ओर ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में है तथा नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में है। बाएं तरफ के ऊपर वाले हाथ में तलवार है और नीचे वाले हाथ में कमल का फूल है।

5 जुलाई का पंचांग (Aaj Ka Panchang 5 July 2022)
5 जुलाई 2022, दिन मंगलवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि है। ये गुप्त नवरात्रि का छठा दिन है। इस दिन देवी के कात्यायनी स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन सूर्योदय पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में होगा, जो सुबह 10.30 तक रहेगा, इसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। मंगलवार को पहले पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से धूम्र नाम का अशुभ योग इसके बाद उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होने से धाता नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। त्रिपुष्कर नाम का एक अन्य शुभ योग भी इस दिन बन रहा है। इस दिन राहुकाल दोपहर 3:52 से शाम 5:32 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
मंगलवार को चंद्रमा सिंह राशि से निकलकर कन्या में प्रवेश करेगा। इस दिन बुध और सूर्य मिथुन राशि में, मंगल और राहु मेष राशि में, शुक्र वृषभ राशि में, केतु तुला राशि में, गुरु मीन में और शनि कुंभ राशि में रहेंगे। मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि निकलना पड़े तो गुड़ खाकर यात्रा पर जाना चाहिए।

5 जुलाई के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आषाढ़
पक्ष- शुक्ल
दिन- मंगलवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- पूर्वा और उत्तरा फाल्गुनी 
करण- तैतिल और गर
सूर्योदय - 5:50 AM
सूर्यास्त - 7:12 PM
चन्द्रोदय - Jul 05 10:55 AM
चन्द्रास्त - Jul 05 11:37 PM 
अभिजीत मुहूर्त- 12:04 PM – 12:58 PM

5 जुलाई का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 9:10 AM – 10:51 AM
कुलिक - 12:31 PM – 2:11 PM
दुर्मुहूर्त - 08:30 AM – 09:24 AM और 11:27 PM – 12:10 AM
वर्ज्यम् - 06:04 PM – 07:45 PM

अशुभ होता है विष्कुम्भ योग 
पंचांग 5 अंगों से मिलकर बनता है, इनमें योग भी एक है। इनकी संख्या 27 बताई गई है। इन 27 योगों में से विष्कुम्भ योग को अशुभ माना गया है, परंतु इस योग में जिस व्यक्ति का जन्म होता है वह बहुत ही भाग्यशाली और उत्तम गुणों वाला होता है। इस योग में जन्में व्यक्ति को आर्थिक तंगी का सामना नहीं करना पड़ता है यानी ये आर्थिक रूप से सम्पन्न होते हैं। अपने स्वभाव से ये लोगों को प्रभावित करते हैं जिससे इनकी मित्रता का दायरा काफी बड़ा होता है। ये काफी अक्लमंद और बुद्धिमान होते हैं। 


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