सार

बुधवार, 4 मई 2022 को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन विनायकी चतुर्थी का व्रत किया जाता है।

उज्जैन. वेद, पुराण और अन्य ग्रंथों में सूर्य, चंद्रमा, पृथ्वी व अन्य ग्रहों के साथ ही और नक्षत्र आदि की स्थिति, दूरी और गति के बारे में बताया गया है। स्थिति, दूरी और गति के मान से ही पृथ्वी पर होने वाले दिन-रात और अन्य संधिकाल को विभाजित कर एक पूर्ण सटीक पंचांग बनाया जाता है। पंचांग वैदिक काल से ही सनातन धर्म में काल गणना का एक प्रमुख अंग रहा है। अगर कहा जाए कि पंचांग एक प्राचीन हिंदू कैलेंडर है तो गलत नहीं होगा। हमारे देश में कई तरह के पंचांग प्रचलित हैं। इनमें से विक्रम पंचांग सबसे प्रमुख है। पंचांग मुख्य रूप से 5 अंगों से मिलकर बना होता है। पंचांग के बारे में ग्रंथों में कहा गया है…

तिथिर्वारश्च नक्षत्र योगः करण मेव च।
एतेषां यत्र विज्ञानं पंचांग तन्निगद्यते ।।


इसका मतलब है - तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण की जानकारी जिसमें मिलती है, उसे पंचांग कहा जाता है।

4 मई का पंचांग (Aaj Ka Panchang 4 May 2022)
बुधवार, 4 मई 2022 को वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन विनायकी चतुर्थी का व्रत किया जाता है। इस दिन सूर्योदय मृगशिरा नक्षत्र में होगा। यह पूरे दिन रहेगा। बुधवार को मृगशिरा नक्षत्र होने से अमृत नाम का शुभ योग बन रहा है। सर्वार्थ सिद्धि नाम का एक अन्य शुभ योग भी 4 मई को रहेगा। इस दिन दोपहर 12:23 से 2:00 बजे राहुकाल रहेगा। बता दें, इस दौरान कोई भी शुभ काम नहीं करना चाहिए।

ऐसी रहेगी ग्रहों की स्थिति
4 मई, बुधवार को दोपहर 2.56 तक चंद्रमा वृषभ राशि में रहेगा। इसके बाद यह मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। शनि कुंभ राशि में, सूर्य और राहु मेष राशि में, शुक्र और गुरु मीन राशि में, बुध ग्रह वृषभ राशि में, केतु तुला राशि में और मंगल कुंभ राशि में रहेगा। बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए। अगर बहुत जरूरी होने पर निकलना पड़ जाए तो तिल या धनिया खाकर ही घर से बाहर निकलें।

जानिए 4 मई के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रमी संवत्: 2079
मास पूर्णिमांत: वैशाख
पक्ष: शुक्ल
दिन: बुधवार
ऋतु: ग्रीष्म
तिथि: चतुर्थी - पूर्ण रात्रि तक
नक्षत्र: मृगशिरा
करण: वणिज
सूर्योदय - 5:55 AM
सूर्यास्त - 6:51 PM
चन्द्रोदय- 8:07 AM
चन्द्रास्त -10:11 PM
अभिजीत मुहूर्त:  आज नहीं है।

4 मई का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 7:32 AM – 9:09 AM
कुलिक - 10:46 AM – 12:23 PM
दुर्मुहूर्त - 11:57 AM – 12:49 PM
वर्ज्यम् - 09:35 AM – 11:23 AM