सार

रविवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन सूर्योदय मघा नक्षत्र में होगा, जो रात अंत तक रहेगा। रविवार को मघा नक्षत्र होने से मुग्दर नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है।   
 

उज्जैन. पंचांग एक आम शब्द है जो हमें अक्सर सुनने को मिलता है। ये शब्द वैदिक ज्योतिष से संबंधित है। जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि इसमें किन्हीं 5 तथ्यों का बारे में बताया गया है। पंचांग के पांच अंग इस प्रकार हैं- तिथि, नक्षत्र, योग, वार और करण।  पंचांग में इनके बारे में विस्तार पूर्वक बताया जाता है। इसी के आधार पर दिन भर के शुभ मुहूर्त और राहु काल आदि का समय तय किया जाता है। भारत में कई तरह के पंचांग प्रचलित हैं, लेकिन इन सभी में विक्रम पंचांग सबसे प्रमुख है। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

आज किया जाएगा विनायकी चतुर्थी व्रत
रविवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। इस दिन विनायकी चतुर्थी का व्रत किया जाएगा। इस दिन महिलाएं दिन भर बिना कुछ खाए व्रत रखेंगी और शाम को चंद्रमा के उदय होने के बाद ही भगवान श्रीगणेश और चंद्रमा की पूजा कर व्रत पूर्ण करेंगी। ये गुप्त नवरात्रि का चौथा दिन है। इस दिन देवी का कूष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाएगी। धर्म ग्रंथों के अनुसार देवी कूष्मांडा से ही इस सृष्टि का जन्म हुआ है।

3 जुलाई का पंचांग (Aaj Ka Panchang 3 July 2022)
3 जुलाई 2022, दिन रविवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि है। ये गुप्त नवरात्रि का चौथा दिन है। इस दिन देवी के कूष्मांडा स्वरूप की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन विनायकी चतुर्थी का व्रत भी किया जाएगा। इस दिन सूर्योदय मघा नक्षत्र में होगा, जो रात अंत तक रहेगा। रविवार को मघा नक्षत्र होने से मुग्दर नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। इस दिन राहुकाल शाम 05:32 से 07:12 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
शनिवार को चंद्रमा सिंह राशि में, बुध और सूर्य मिथुन राशि में, मंगल और राहु मेष राशि में, शुक्र वृषभ राशि में, केतु तुला राशि में, गुरु मीन में और शनि कुंभ राशि में रहेंगे। रविवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि करनी पड़े तो दलिया, घी या पान खाकर ही घर से निकलें।

3 जुलाई के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आषाढ़
पक्ष- शुक्ल
दिन- रविवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- मघा 
करण- विष्टि और बव
सूर्योदय - 5:49 AM
सूर्यास्त - 7:12 PM
चन्द्रोदय - 03 9:09 AM
चन्द्रास्त - 03 10:31 PM 
अभिजीत मुहूर्त- 12:04 PM – 12:57 PM

3 जुलाई का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 12:31 PM – 2:11 PM
कुलिक - 3:52 PM – 5:32 PM
दुर्मुहूर्त - 05:25 PM – 06:19 PM
वर्ज्यम् - 07:37 PM – 09:22 PM

दसवां करण है नाग
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, तिथि के आधे भाग को करण कहते हैं। इनकी संख्या 11 है। इनमें से 10वें करण का नाम नाग है। नाग करण का प्रतीक सर्प है। सर्प जैसा ही इसका प्रभाव भी है। इस करण की अवस्था सुप्त कही गई हैं, इसलिए इसमें कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता। ज्योतिष शास्त्र में इसे अशुभ माना गया है। इस करण में जन्म लेने वाले समुद्री क्षेत्रों से आय प्राप्त करते हैं। भाग्य में कमी उसे कभी निराश कर देती है। ये लोग गलत कामों की ओर जल्दी आकर्षित हो जाते है।
 

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