सार
हिंदू धर्म में हर काम शुभ मुहूर्त देखकर ही किया जाता है और मुहूर्त की जानकारी पंचांग से मिलती है। हिंदू पंचांग को वैदिक पंचांग के नाम से जाना जाता है। पंचांग के माध्यम से समय एवं काल की सटीक गणना की जाती है।
उज्जैन. पंचांग मुख्य रूप से पांच अंगों से मिलकर बना होता है। ये पांच अंग तिथि, नक्षत्र, वार, योग और करण है। यहां हम दैनिक पंचांग में आपको शुभ मुहूर्त, राहुकाल, सूर्योदय और सूर्यास्त का समय, तिथि, करण, नक्षत्र, सूर्य और चंद्र ग्रह की स्थिति, हिंदू मास एवं पक्ष आदि की जानकारी देते हैं। आगे जानिए 3 अप्रैल 2022, रविवार (Panchang April 3, 2022) के शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय आदि संपूर्ण जानकारी…
आज की तिथि और पर्व
3 अप्रैल, रविवार को विक्रम संवत 2078, जिसका नाम आनन्द है, के चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि दोपहर 12.38 तक रहेगी। इसके बाद तृतीया तिथि आरंभ हो जाएगी। ये चैत्र नवरात्रि का दूसरा दिन रहेगा। इस दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी।
शुभ योग और मुहूर्त
3 अप्रैल, रविवार को सूर्योदय अश्विनी नक्षत्र में होगा, जो दोपहर 12.37 तक रहेगा। इसके बाद भरणी नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। रविवार को पहले अश्विनी नक्षत्र होने से
आनंद नाम का शुभ योग और उसके बाद भरणी नक्षत्र होने से कालदण्ड नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहे हैं। रविवार को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:45 से 05:33 तक रहेगा। इस दिन अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12:05 से 12:55 तक रहेगा। अमृत काल इस दिन नहीं है। इस दिन सर्वार्थसिद्धि नाम का शुभ योग भी बन रहा है।
ये है राहु काल का समय
3 अप्रैल, रविवार को राहूकाल शाम 05:07 से 06:39 तक रहेगा। इसके अलावा यम गण्ड दोपहर 12.30 से 02:02 तक, कुलिक दोपहर 03:34 से 05:07 तक, दुर्मुहूर्त शाम 05:00 से 05:49 तक और वर्ज्यम रात 10:58 से 12:41 तक रहेगा। ये सभी अशुभ काल है यानी इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।
ग्रहों की स्थिति
3 अप्रैल, रविवार को चंद्रमा मीन राशि से निकलकर मेष में प्रवेश करेगा। गुरु और शुक्र कुंभ राशि में, मंगल और शनि मकर राशि में रहेंगे। सूर्य और बुध मीन राशि में, राहु वृषभ और केतु वृश्चिक राशि में रहेंगे।
इस दिशा में न करें यात्रा
रविवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि करनी पड़े तो दलिया, घी या पान खाकर ही घर से निकलें।