सार

29 मई 2022, दिन रविवार को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि दोपहर 02.55 तक रहेगी, इसके बाद अमावस्या तिथि रात अंत तक रहेगी। रविवार को कृत्तिका नक्षत्र होने से धूम्र नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है।
 

उज्जैन. हमारे  देश में लगभग 30 प्रकार के पंचांग प्रचलित हैं। पंचांगों में उत्सवों और व्रतों के अलावा ग्रहण, सूर्योदयास्त, आकाश में ग्रहों की स्थिति इत्यादि खगोलीय विषयों के बारे में बताया जाता है। तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण, इन पांच अंगों के योग से पंचांग बनता है। जिन ग्रंथों से हमारे पंचांग बनते हैं वे कम से कम 500 वर्ष पुराने हैं। पंचांग में महीने का हिसाब सूर्य व चंद्रमा की गति पर रखा जाता है। भारतीय गणना पद्धति के अनुसार सूर्य वर्ष 365 दिन और 6 घंटे का होता है, वहीं चंद्र वर्ष 354 दिनों का माना जाता है। गणना के आधार पर हिन्दू पंचांग की तीन धाराएँ हैं- पहली चंद्र आधारित, दूसरी नक्षत्र आधारित और तीसरी सूर्य आधारित कैलेंडर पद्धति। भारत में अलग-अलग हिस्सों में विभिन्न पंचांग प्रचलित हैं। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

29 मई का पंचांग (Aaj Ka Panchang 29 May 2022)
29 मई 2022, दिन रविवार को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि दोपहर 02.55 तक रहेगी, इसके बाद अमावस्या तिथि रात अंत तक रहेगी। इस दिन सूर्योदय कृत्तिका नक्षत्र में होगा, जो रात अंत तक रहेगा। रविवार को कृत्तिका नक्षत्र होने से धूम्र नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। इस दिन राहुकाल शाम 05:23 से 07:03 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
रविवार को सुबह लगभग 11.15 पर चंद्रमा राशि बदलकर मेष से वृषभ में प्रवेश करेगा। इस राशि में पहले से ही सूर्य और बुध स्थित है। इस दिन राहु मेष राशि में, केतु तुला राशि में, मंगल, गुरु और शु्क्र मीन में, शनि कुंभ राशि में रहेंगे। रविवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि करनी पड़े तो दलिया, घी या पान खाकर ही घर से निकलें।

29 मई के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रमी संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- ज्येष्ठ
पक्ष- कृष्ण
दिन- रविवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- कृ्त्तिका
करण- शकुनि और चतुष्पद
सूर्योदय - 05:45 AM
सूर्यास्त - 07:03 PM
चन्द्रोदय - 04:43 AM
चन्द्रास्त – 06:15 PM 
अभिजीत मुहूर्त – 11:57 AM: 12:50 PM

29 मई का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 12:24 PM – 02:04 PM
कुलिक - 03:43 PM – 05:23 PM
दुर्मुहूर्त - 05:16 PM – 06:09 PM
वर्ज्यम् - 05:56 PM – 07:42 PM

शुरू हो चुका है वट सावित्री व्रत
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ मास की अमावस्या पर वट सावित्री व्रत किया जाता है। इस व्रत की तैयारियां 2 दिन पहले से ही शुरू हो जाती है। इस बार ये व्रत 30 मई, सोमवार को किया जाएगा, लेकिन इसकी शुरूआत 28 मई से ही हो जाएगी। मान्यता है कि जो सुहागिन महिलाएं ये व्रत करती हैं उनके परिवार में हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है और अंखड सौभाग्य बना रहता है। इस दिन भगवान शिव-पार्वती, ब्रह्मा-सावित्री, सत्यवान-सावित्री और वट वृक्ष की पूजा की जाती है।

कृत्तिका को ज्योतिष में कहते हैं स्त्री नक्षत्र
कृतिका नक्षत्र को ज्योतिष में स्त्री नक्षत्र कहा गया है। इस नक्षत्र से प्रभावित पुरूषों में स्त्रियों के प्रति अधिक आकर्षण पाया जाता है। कुंडली में अगर यह नक्षत्र अशुभ स्थिति में हो तो व्यक्ति में काम की भावना अधिक होती है। जीवनसाथी के अलावा किसी अन्य से भी इनके संबंध हो सकते हैं। इस नक्षत्र में जन्मा व्यक्ति सुंदर और गुणवान होता है। वह राजा की तरह जीवन यापन करता है। बचपन से ही उसकी विद्या प्राप्ति में अधिक रुचि रहती है और भविष्य में ऐसा व्यक्ति विद्वान होता है।