सार

27 जुलाई को श्रावण कृष्ण चतुर्दशी तिथि है। बुधवार को पुनर्वसु नक्षत्र होने से गद नाम का शुभ योग इस दिन बनेगा। साथ ही हर्षण और वज्र नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। इस दिन राहुकाल दोपहर 12:33 से 02:11 तक रहेगा। 
 

उज्जैन. ग्रह-नक्षत्रों की गणना के आधार पर हिंदू पंचांग की तीन धाराएं मानी गई हैं- पहली चंद्र आधारित, दूसरी नक्षत्र आधारित और तीसरी सूर्य आधारित। भिन्न-भिन्न रूप में यह पूरे भारत में माना जाता है। पंचांग का उपयोग सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि आस-पास के पड़ोसी देशों में भी किया जाता है जैसे नेपाल, श्रीलंका आदि। वर्तमान में कई प्रकार के पंचांग बाजार में प्रचलित हैं, उन सभी में विक्रम पंचांग सबसे अधिक मान्यता प्राप्त है। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

27 जुलाई का पंचांग (Aaj Ka Panchang 27 July 2022)
27 जुलाई 2022, दिन बुधवार को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि रात 09:12 तक रहेगी। इसके बाद अमावस्या तिथि आरंभ हो जाएगी। बुधवार को सूर्योदय पुनर्वसु नक्षत्र में होगा, जो पूरे दिन रहेगा। बुधवार को पुनर्वसु नक्षत्र होने से गद नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। इसके अलावा इस दिन हर्षण और वज्र नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। इस दिन राहुकाल दोपहर 12:33 से 02:11 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
बुधवार की रात चंद्रमा मिथुन राशि से निकलकर कर्क में प्रवेश करेगा। इस दिन सूर्य-बुध कर्क राशि में, शुक्र मिथुन राशि में, शनि मकर राशि (वक्री), मंगल-राहु मेष राशि में, केतु तुला राशि में और गुरु (वक्री) मीन राशि में रहेंगे। बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि निकलना पड़े तो तिल या धनिया खाकर घर से बाहर निकलें।

27 जुलाई के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- श्रावण
पक्ष- कृष्ण
दिन- बुधवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- पुनर्वसु
करण- शकुनि और चतुष्पद
सूर्योदय - 5:59 AM
सूर्यास्त - 7:07 PM
चन्द्रोदय - Jul 27 4:22 AM
चन्द्रास्त - Jul 27 6:29 PM
अभिजीत मुहूर्त- इस दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं है।

27 जुलाई का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 7:37 AM – 9:16 AM
कुलिक - 10:54 AM – 12:33 PM
दुर्मुहूर्त - 12:07 PM – 12:59 PM
वर्ज्यम् - 05:37 PM – 07:25 PM

शुभ योग (Shubh Yoga)
ज्योतिष शास्त्र में 27 शुभ-अशुभ योगों के बारे में बताया गया है। ये पंचांग के 5 अंगों में से एक है। इनमें से तेइसवें योग का नाम शुभ है। इस योग में किया गया कोई भी कार्य शुभ फल ही प्रदान करता है। इस योग में जन्म लेने वाला व्यक्ति धनवान और सर्वगुण संपन्न होता है। ऐसे लोगों को संसार का हर सुख मिलता है। कभी-कभी इस वजह से ये काफी एरोगेंट भी हो जाते हैं। हालांकि समय के साथ-साथ इनका व्यवहार दोस्ताना हो जाता है।


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