सार

23 जुलाई को श्रावण कृष्ण दशमी तिथि है। शनिवार को पहले कृत्तिका नक्षत्र होने से ध्वज और उसके बाद रोहिणी नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इनके अलावा इस दिन गंड, वृद्धि, सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि नाम के 4 अन्य योग भी रहेंगे।   
 

उज्जैन. पंचांग का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है क्योंकि इसमें दिन भर के शुभ मुहूर्त, राहु काल और अभीजित मुहूर्त सहित अन्य बहुत सी जानकारियां होती है, जो हमारे लिए बहुत उपयोगी रहती हैं। किस दिन कौन-सा ग्रह किस राशि में रहेगा और कब ग्रहण होगा, इसकी जानकारी भी विस्तार पूर्वक पंचांग में उपलब्ध रहती है। पंचांग का हर पूजा और शुभ काम में खास महत्व होता है। पंचांग देखे बिना कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

23 जुलाई का पंचांग (Aaj Ka Panchang 23 July 2022)
23 जुलाई 2022, दिन शनिवार को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि सुबह लगभग 11.27 तक रहेगी, इसके बाद एकादशी तिथि आरंभ हो जाएगी। इस दिन सूर्योदय कृत्तिका नक्षत्र में होगा, जो शाम 7 बजे तक रहेगा। इसके बाद रोहिणी नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। शनिवार को पहले कृत्तिका नक्षत्र होने से ध्वज और उसके बाद रोहिणी नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इनके अलावा इस दिन गंड, वृद्धि, सर्वार्थसिद्धि और अमृतसिद्धि नाम के 4 अन्य योग भी रहेंगे। इस दिन राहुकाल सुबह 09:15 से  10:54 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
शनिवार को चंद्रमा मेष राशि में, सूर्य-बुध कर्क राशि में, शुक्र मिथुन राशि में, शनि मकर राशि (वक्री), मंगल-राहु मेष राशि में, केतु तुला राशि में और गुरु (वक्री) मीन राशि में रहेंगे। शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। पूर्व दिशा में यात्रा करना पड़े तो अदरक, उड़द या तिल खाकर घर से निकलें।

23 जुलाई के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- श्रावण
पक्ष- कृष्ण
दिन- शनिवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- कृत्तिका और रोहिणी
करण- विष्टी और बव
सूर्योदय - 5:57 AM
सूर्यास्त - 7:09 PM
चन्द्रोदय - Jul 23 1:21 AM
चन्द्रास्त - Jul 23 3:00 PM
अभिजीत मुहूर्त - 12:07 PM – 12:59 PM

23 जुलाई का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 2:12 PM – 3:51 PM
कुलिक - 5:57 AM – 7:36 AM
दुर्मुहूर्त - 07:43 AM – 08:35 AM
वर्ज्यम् - 01:01 PM – 02:49 PM

परिघ योग (Parigh Yoga)
ज्योतिष शास्त्र में 27 शुभ-अशुभ योगों के बारे में बताया गया है। ये पंचांग के 5 अंगों में से एक है। इनमें से उन्नीसवें योग का नाम परिघ है। इस योग में शत्रु के विरूद्ध किए गए कार्य में सफलता मिलती है अर्थात शत्रु पर विजय अवश्य मिलती है। परिघ योग में जन्म लेने वाला मनुष्य बुद्धिमान होता है और कई विद्याओं का जानकार होता है। ये विद्वान और ज्ञानी होते हैं और मधुर बोलने वाले होते हैं। ये अपने गुणों एवं कार्यों से कुल परिवार का नाम ऊँचा करते हैं तथा सांसारिक सुखों का आनन्द लेते हैं।

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