सार

20 मई 2022, दिन शुक्रवार को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि रहेगी। इस दिन सूर्योदय पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में होगा, जो सुबह 07.41 तक रहेगा। इसके बाद उत्तराषाढ़ा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा।
 

उज्जैन. हिंदू धर्म की अपनी मान्यताएं और परंपराएं हैं। शकुन-अपशकुन भी इन्हीं मान्यताओं का हिस्सा है। किसी भी शुभ कार्य को करते समय शुभ मुहूर्त जरूर देखा जाता है ताकि कोई अपशकुन न हो। और मुहूर्त देखने के लिए पंचांग का सहारा लिया जाता है। पंचांग में हमारे काम में आने वाली बहुत सारी जानकारी मिलती है। पंचांग की उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए पुरातन समय में हर घर में पंचांग का होना बहुत जरूर माना जाता था क्योंकि उस समय हर काम शुभ मुहूर्त देखकर करने की परंपरा थी। पंचांग मुख्य रूप से 5 अंगों से मिलकर बनता है। इसीलिए इसे पंचांग कहते हैं- ये हैं करण, तिथि, नक्षत्र, वार और योग। आगे जानिए पंचांग से जुड़ी खास बातें…

20 मई का पंचांग (Aaj Ka Panchang 20 May 2022)
20 मई 2022, दिन शुक्रवार को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि रहेगी। इस दिन सूर्योदय पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में होगा, जो सुबह 07.41 तक रहेगा। इसके बाद उत्तराषाढ़ा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। शुक्रवार को पहले पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से प्रवर्ध और उसके बाद उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से आनंद नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इस दिन राहुकाल सुबह  10:44 से दोपहर 12:23 PM तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

शुक्रवार को करें वैभव लक्ष्मी का व्रत
हिंदू धर्म में हर दिन एक देवता को और ग्रह को समर्पित है। इसी क्रम में शुक्रवार को देवी लक्ष्मी की पूजा करना शुभ माना जाता है। इस दिन वैभव लक्ष्मी का व्रत करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और धन लाभ के योग भी बनते हैं। माता वैभव लक्ष्मी के व्रत में केवल एक समय ही भोजन करना चाहिए तथा प्रसाद के रूप में खीर जरूर बनाना चाहिए। यह व्रत 9, 11 और 21 शुक्रवार तक रखना चाहिए और अंतिम शुक्रवार को व्रत का उद्यापन करना चाहिए। ये व्रत बहुत ही शुभ माना जाता है। इससे हर तरह के शुभ फल मिलते हैं।

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
शुक्रवार को चंद्रमा मकर राशि में प्रवेश करेगा। मंगल, गुरु और शु्क्र ग्रह मीन में, सूर्य और बुध वृषभ राशि में, शनि कुंभ राशि में, राहु मेष राशि में और केतु तुला राशि में रहेंगे। शुक्रवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। अगर यात्रा करना जरूरी हो तो जौ या राईं खाकर घर से बाहर निकलें।

20 मई के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रमी संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- ज्येष्ठ
पक्ष- कृष्ण
दिन- शुक्रवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा
करण- तैतिल और गर
सूर्योदय - 5:47 AM
सूर्यास्त - 6:59 PM
चन्द्रोदय - 11:45 PM
चन्द्रास्त - 10:44 AM 
अभिजीत मुहूर्त - 11:57AM:12:49 PM

20 मई का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 3:41 PM – 5:20 PM
कुलिक - 7:26 AM – 9:05 AM
दुर्मुहूर्त - 08:26 AM – 09:18 AM और 12:49 PM – 01:42 PM
वर्ज्यम् - 05:03 AM – 06:33 AM

कैसे बनता है सर्वार्थसिद्धि योग?
ज्योतिष शास्त्र में कई कई शुभ योगों के बारे में बताया गया है। सर्वार्थसिद्धि भी उन्हीं शुभ योगों में एक है। ऐसा कहा जाता है कि योग में किया गया हर काम सिद्ध यानी पूरा होता है और शुभ फल भी मिलते हैं। आगे जानिए ये योग कैसे बनता है…
- रविवार को हस्त, मूल, तीनों उत्तरा- उत्तरा फाल्गुनी, उत्तराषाढ़ा, उत्तराभाद्रपद, पुष्य और अश्विनी ये 7 नक्षत्र हों तो ये शुभ योग बनता है।
- सोमवार को श्रवण, रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य और अनुराधा नक्षत्र होने पर ये योग बनता है। 
- मंगलवार को अश्विनी, उत्तराभाद्रपद, कृतिका और आश्लेषा नक्षत्र होने पर ये योग बनता है। 
- बुधवार को रोहिणी, अनुराधा, हस्त, कृतिका, पुनर्वसु, मृगशिरा नक्षत्र होने पर ये शुभ योग बनता है। 
- गुरुवार को रेवती, अनुराधा, अश्विनी, पुनर्वसु और पुष्य नक्षत्र हो तो ये योग बनता है। 
- शुक्रवार को रेवती, अनुराधा, अश्विनी, पुनर्वसु और श्रवण होने पर ये शुभ योग बनता है। 
- शनिवार को श्रवण, रोहिणी, स्वाति 3 नक्षत्र हों तो सर्वार्थसिद्धि योग बनता है।