सार

18 मई 2022, दिन बुधवार को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पूरे दिन रहेगी। बुधवार को सूर्योदय ज्येष्ठा नक्षत्र में होगा, उसके बाद मूल नक्षत्र रात अंत तक रहेगा।

उज्जैन. हिंदू धर्म में पंचाग का प्रचलन हजारों साल पहले से किया जा रहा है। पंचांग में न सिर्फ शुभ मुहूर्त बल्कि ग्रह-नक्षत्रों की गतियों के बारे में बताया गया है। पंचांग में वो सभी जानकारी आसानी से मिल जाती है, जो हमारे लिए जरूरी है। वर्तमान में कौन-सा संवत्सर चल रहा है, उसका नाम क्या है इसकी जानकारी भी पंचांग में बताई जाती है। इसके अलावा ग्रहों में इस साल का राजा और मंत्री कौन है, इसके बारें में बताया जाता है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि व्यक्ति को ज्योतिष से संबंधित अगर कोई जानकारी चाहिए तो वो पंचांग में पाई जा सकती है। इसलिए पुरातन समय में हर घर में पंचांग होना बहुत जरूर माना जाता था क्योंकि उस समय हर काम शुभ मुहूर्त देखकर करने की परंपरा थी। पंचांग मुख्य रूप से 5 अंगों से मिलकर बनता है। इसीलिए इसे पंचांग कहते हैं- ये हैं करण, तिथि, नक्षत्र, वार और योग। आगे जानिए पंचांग से जुड़ी खास बातें…

18 मई का पंचांग (Aaj Ka Panchang 18 May 2022)
18 मई 2022, दिन बुधवार को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पूरे दिन रहेगी। बुधवार को सूर्योदय ज्येष्ठा नक्षत्र में होगा, उसके बाद मूल नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। बुधवार को पहले ज्येष्ठा नक्षत्र होने से मुग्दर नाम का अशुभ योग और उसके बाद मूल नक्षत्र होने से छत्र नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। इस दिन राहुकाल दोपहर 12:23 PM से 02:02 PM रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

शुरू हो चुका है ज्येष्ठ मास
हिंदू पंचांग का तीसरा महीना ज्येष्ठ मास 17 मई, मंगलवार को शुरू हो चुका है, जो 14 जून रहेगा। धर्म ग्रंथों में इस महीने का विशेष महत्व बताया गया है। इस महीने में गर्मी अपनी चरम सीमा पर होती है और इस महीने में दिन भी अपेक्षाकृत बड़े होते हैं। इस वजह से ही इस महीने को ज्येष्ठ यानी बड़ा गया है। इस महीने की पूर्णिमा तिथि को चंद्रमा ज्येष्ठा नक्षत्र में होता है, इसलिए भी इस महीने का नाम ज्येष्ठ है। इस महीने में कई बड़े त्योहार मनाए जाते हैं उनमें गंगा दशहरा, निर्जला एकादशी आदि प्रमुख हैं। ये सभी व्रत जल संरक्षण का संदेश देते हैं।

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
बुधवार को सुबह लगभग 11 बजे चंद्रमा वृश्चिक से निकलकर धनु में प्रवेश करेगा। मंगल, गुरु और शु्क्र ग्रह मीन में, सूर्य और बुध वृषभ राशि में, शनि कुंभ राशि में, राहु मेष राशि में और केतु तुला राशि में रहेंगे। बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि निकलना पड़े तो तिल या धनिया खाकर घर से बाहर निकलें।

18 मई के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रमी संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- ज्येष्ठ
पक्ष- कृष्ण
दिन- बुधवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- ज्येष्ठा और मूल
करण- वणिज और विष्टि
सूर्योदय - 05:48 AM
सूर्यास्त - 06:58 PM
चन्द्रोदय - 09:43 PM
चन्द्रास्त - 08:30 AM
अभिजीत मुहूर्त – इस दिन नहीं है।

17 मई का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 7:27 AM – 9:05 AM
कुलिक - 10:44 AM – 12:23 PM
दुर्मुहूर्त - 11:56 AM – 12:49 PM
वर्ज्यम् - 02:17 PM – 03:44 PM

कितने होते हैं नक्षत्र? 
ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों के बारे में बताया गया है। धर्म ग्रंथों के अनुसार ये 27 नक्षत्र ही दक्ष प्रजापति की पुत्रियां हैं, जिनका विवाह चंद्रमा के साथ हुआ था। इन नक्षत्रों के नाम इस प्रकार है- अश्विन, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, आश्लेषा, मघा, पूर्वाफाल्गुनी, उत्तराफाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद, रेवती। इन नक्षत्रों के योग से ही हिंदू पंचांग के महीनों का नाम रखा गया है।