सार

18 जून 2022, दिन शनिवार को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि रहेगी। इस दिन पहले श्रवण नक्षत्र होने से स्थिर और इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र होने से प्रवर्ध नाम के 2 शुभ योग बन रहे हैं। 
 

उज्जैन. हम अपने दैनिक जीवन में अक्सर शुभ मुहूर्त के बारे में सुनते हैं, क्योकिं हिंदू धर्म में कोई भी शुभ कार्य मुहूर्त देखे बिना नहीं किया और मुहूर्त देखने के लिए या तो किसी योग्य ब्राह्मण की सहायता ली जाती है या फिर पंचांग के माध्मय से मुहूर्त देखा जाता है। पंचांग मूल रूप से हिंदू कैलेंडर है, लेकिन इसमें ग्रह-नक्षत्र, ग्रह परिवर्तन, ग्रहण आदि इतनी सारी जानकारी शामिल होती है कि आमजन इसका महत्व समझ ही नहीं पाते। हमारे देश में कई तरह के पंचांग प्रचलित हैं। इनमें से कुछ अमांत तो कुछ पूर्णिमांत को मानते हैं। यानी कुछ अमावस्या को महीने का अंतिम दिन मानते हैं तो कुछ पूर्णिमा को। इस वजह से व्रत-त्योहारों में कुछ असमानताएं देखने को मिलती है। जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

आज से शुरू होगा पंचक
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचक के अंतर्गत धनिष्ठा, शतभिषा, उत्तरा भाद्रपद, पूर्वा भाद्रपद व रेवती नक्षत्र आते हैं। यानी चंद्रमा जब धनिष्ठा से लेकर रेवती नक्षत्र तक का सफर तय करता है तो इस समय को पंचक कहा जाता है। इस बार पंचक का आरंभ 18 जून, शनिवार की रात लगभग 12.15 से हो रहा है, जो 23 जून, गुरुवार की सुबह लगभग 10.12 बजे तक रहेगा। शनिवार से शुरू होने के कारण इसे मृत्यु पंचक कहेंगे। 

18 जून का पंचांग (Aaj Ka Panchang 18 June 2022)
18 जून 2022, दिन शनिवार को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि रहेगी। इस दिन सूर्योदय श्रवण नक्षत्र में होगा, जो दोपहर 12.50 तक रहेगा। इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। शनिवार को पहले श्रवण नक्षत्र होने से स्थिर और इसके बाद धनिष्ठा नक्षत्र होने से प्रवर्ध नाम के 2 शुभ योग योग इस दिन बन रहे हैं। इस दिन राहुकाल सुबह 09:06 से 10:47 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
शनिवार की रात चंद्रमा मकर राशि से निकरल कुंभ में प्रवेश करेगा। इस दिन सूर्य मिथुन राशि में, बुध वृषभ राशि में, राहु और शुक्र मेष राशि में, केतु तुला राशि में, मंगल व गुरु मीन में और शनि कुंभ राशि में रहेंगे। शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। पूर्व दिशा में यात्रा करना पड़े तो अदरक, उड़द या तिल खाकर घर से निकलें।

18 जून के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आषाढ़
पक्ष- कृष्ण
दिन- शनिवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- श्रवण और धनिष्ठा
करण- कौलव और तैतिल
सूर्योदय - 5:45 AM
सूर्यास्त - 7:10 PM
चन्द्रोदय - 11:14 PM
चन्द्रास्त - 10:40 AM 
अभिजीत मुहूर्त - 12:01 PM से 12:54 PM

18 जून का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 2:08 PM – 3:49 PM
कुलिक - 5:45 AM – 7:25 AM
दुर्मुहूर्त - 07:32 AM – 08:26 AM
वर्ज्यम् - 11:22 AM – 12:51 PM

शुभ नक्षत्र है श्रवण, भगवान विष्णु हैं इसके देवता
नक्षत्र मंडल का 22वां नक्षत्र है श्रवण। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, श्रवण नक्षत्र की तुलना मनुष्य के कान से की जाती है, क्योंकि श्रवण का अर्थ सुनना भी होता है। श्रवण नक्षत्र के देवता भगवान विष्णु हैं और स्वामी गुरु ग्रह है। यह ढपली की तरह दिखायी देता है। विद्वानों ने श्रवण नक्षत्र के तीन तारों को भगवान विष्णु के तीन चरण माने हैं। कहीं-कहीं श्रवण नक्षत्र के तीन तारों को भगवान शिव का त्रिशूल माना गया है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग पढ़ने-लिखने में होशियार और लक्ष्य प्राप्ति के लिए संघर्षशील रहते हैं। इनका दांपत्य जीवन सुखद होता है। ये लोगद इंजीनियरिंग, चिकित्सा, कला एवं विज्ञान के क्षेत्र में सफल होते हैं।