सार

17 मई 2022, दिन मंगलवार को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि सुबह 06.25 तक रहेगी, इसके बाद द्वितिया तिथि पूरे दिन रहेगी। इस दिन नारद जयंती का पर्व मनाया जाएगा। इसी दिन से हिंदू पंचांग का तीसरा महीना ज्येष्ठ शुरू होगा।
 

उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हमारे सौर मंडल में रोज कुछ न कुछ बदलता रहता है। कभी ग्रह राशि बदलते हैं तो कभी नक्षत्र। राहुकाल और अभिजीत मुहूर्त का समय भी रोज बदलता है। इन्हीं ग्रह नक्षत्रों के आधार पर शुभ मुहूर्त निकाले जाते हैं ताकि उन शुभ मुहूर्त में किए गए उपायों से हमें सफलता प्राप्त हो सके। और इन शुभ मुहूर्तों की जानकारी हमें पंचांग से प्राप्त होती है। हिंदू धर्म में पंचाग का प्रचलन हजारों साल पहले से किया जा रहा है। पंचांग में न सिर्फ शुभ मुहूर्त बल्कि ग्रह-नक्षत्रों की गतियों के बारे में बताया गया है। पंचांग में वो सभी जानकारी आसानी से मिल जाती है, जो हमारे लिए जरूरी है। पंचांग मुख्य रूप से 5 अंगों से मिलकर बनता है। इसीलिए इसे पंचांग कहते हैं- ये हैं करण, तिथि, नक्षत्र, वार और योग। आगे जानिए पंचांग से जुड़ी खास बातें…

17 मई का पंचांग (Aaj Ka Panchang 17 May 2022)
17 मई 2022, दिन मंगलवार को ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि सुबह 06.25 तक रहेगी, इसके बाद द्वितिया तिथि पूरे दिन रहेगी। इस दिन नारद जयंती का पर्व मनाया जाएगा। मंगलवार को सूर्योदय अनुराधा नक्षत्र में होगा, जो 12.34 तक रहेगा, इसके बाद ज्येष्ठा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। मंगलवार को पहले अनुराधा नक्षत्र होने से वज्र और उसके बाद ज्येष्ठा नक्षत्र होने से मुग्दर नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। इस दिन राहुकाल दोपहर 03:40 से शाम 5:19 PM तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

17 मई को मनाई जाएगी नारद जयंती
17 मई, मंगलवार को नारद जयंती का पर्व मनाया जाएगा। पुराणों के अनुसार नारद ब्र्हमदेव को पुत्र हैं और तीनो लोकों में भगवान विष्णु का गुणगान करते हैं। कुछ ग्रंथों में तो इन्हें स्वयं भगवान विष्णु का भक्ति अवतार भी कहा जाता है। नारद से जुड़ी अनेक कथाएं धर्म ग्रंथों में बताई गई है। इन्हें ऋषिराज के नाम से भी पुकारा जाता है। भगवान विष्णु ने कई मौकों पर नारद के गर्व का भंग किया है और उन्हें भक्ति का मार्ग दिखाया है।

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
मंगलवार को मंगल ग्रह राशि बदलकर कुंभ से निकलकर मीन में प्रवेश करेगा। इस राशि में पहले से ही गुरु और शुक्र ग्रह स्थित है। इस दिन सूर्य वृषभ और बुध वृषभ राशि में (वक्री अस्त), मंगल और शनि कुंभ राशि में, राहु मेष राशि में और केतु तुला राशि में रहेंगे। मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि निकलना पड़े तो गुड़ खाकर यात्रा पर जाना चाहिए।

17 मई के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रमी संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- ज्येष्ठ
पक्ष- कृष्ण
दिन- मंगलवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- अनुराधा और ज्येष्ठा
करण- तैतिल और गर
सूर्योदय - 5:48 AM
सूर्यास्त - 6:57 PM
चन्द्रोदय - May 17 8:34 PM
चन्द्रास्त - May 18 7:27 AM 
अभिजीत मुहूर्त - 11:56 AM – 12:49 PM

17 मई का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
राहू - 3:40 PM – 5:19 PM
यम गण्ड - 9:06 AM – 10:44 AM
कुलिक - 12:23 PM – 2:02 PM
दुर्मुहूर्त - 08:26 AM – 09:19 AM और 11:17 PM – 12:01 AM
वर्ज्यम् - 03:46 PM – 05:11 PM

नक्षत्रों का राजा है पुष्य?
पंचांग पांच अंगों से मिलकर बना है, उसमें से पुष्य भी एक है। इसे नक्षत्रों का राजा भी कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र में इस नक्षत्र को बहुत ही शुभ माना गया है। सत्ताइस नक्षत्रों में आठवां नक्षत्र है पुष्य। सभी नए सामान की खरीदारी, सोना, चांदी की खरीदारी के लिए पुष्य नक्षत्र को सबसे पवित्र माना जाता है। इसके देवता शनिदेव हैं। इस नक्षत्र में खरीदी गई चीजें लंबे समय तक उपयोग में आती हैं। इस नक्षत्र में जन्में लोग भी बहुत ही खास होते हैं। उनमें नेतृत्व करने की क्षमता बहुत जोरदार होती है और वे भाग्यशाली भी होते हैं।