सार

16 मई 2022, दिन सोमवार को वैशाख पूर्णिमा तिथि सुबह लगभग 10 बजे तक रहेगी, इसके बाद वैशाख कृष्ण प्रतिपदा तिथि आरंभ हो जाएगी जो रात अंत तक रहेगी। इस दिन स्नान-दान पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा।
 

उज्जैन. सनातन धर्म में हर शुभ कार्य मुहूर्त देखकर करने की परंपरा है और शुभ मुहूर्त देखने के लिए किसी योग्य् ज्योतिषी या पंचांग का सहारा लिया जाता है। पंचांग में वो सभी जानकारी आसानी से मिल जाती है, जो हमारे लिए जरूरी है। हिंदू धर्म में पंचाग का प्रचलन हजारों साल पहले से किया जा रहा है। पंचांग में न सिर्फ शुभ मुहूर्त बल्कि ग्रह-नक्षत्रों की गतियों के बारे में बताया गया है। कब, कौन-सा ग्रह राशि बदलेगा और कब ग्रहण होंगे, इसकी विस्तृत जानकारी भी पंचांग से आसानी से निकाली जा सकती है। ज्योतिषियों के अनुसार हर साल का नया पंचांग बनाया जाता है, जो हिंदू नववर्ष पर आधारित होता है। पंचांग मुख्य रूप से 5 अंगों से मिलकर बनता है, इसीलिए इसे पंचांग कहते हैं- ये हैं करण, तिथि, नक्षत्र, वार और योग। आगे जानिए पंचांग से जुड़ी खास बातें…

16 मई का पंचांग (Aaj Ka Panchang 16 May 2022)
16 मई 2022, दिन सोमवार को वैशाख पूर्णिमा तिथि सुबह लगभग 10 बजे तक रहेगी, इसके बाद वैशाख कृष्ण प्रतिपदा तिथि आरंभ हो जाएगी जो रात अंत तक रहेगी। इस दिन स्नान-दान पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। सोमवार को सूर्योदय विशाखा नक्षत्र में होगा जो दोपहर 01.18 तक रहेगा, इसके बाद अनुराधा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। सोमवार को पहले विशाखा नक्षत्र होने से मित्र और उसके बाद अनुराधा नक्षत्र होने से मानस नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इस दिन राहुकाल सुबह 07:27 से 09:06 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

16 मई को रहेगी स्नान-दान पूर्णिमा
16 मई, सोमवार को सूर्योदय पूर्णिमा तिथि में होगा, इसलिए वैशाख पूर्णिमा का पर्व इसी दिन मनाया जाएगा। सोमवार को पवित्र नदी में स्नान कर जरूरतमंदों को दान देने से पुण्य फलों की प्राप्ति होगी। पितरों के लिए भी इसी दिन श्राद्ध व तर्पण आदि करना श्रेष्ठ रहेगा। इस दिन चंद्रग्रहण भी होगा, लेकिन भारत में दिखाई न देने के कारण यहां इसकी कोई मान्यता नहीं रहेगी। इसी दिन बुद्ध पूर्णिमा का पर्व भी मनाया जाएगा, मान्यता है कि इसी दिन महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
सोमवार की सुबह चंद्रमा राशि बदलकर तुला से वृश्चिक में प्रवेश करेगा। सूर्य इस दिन वृषभ राशि में, बुध वृषभ राशि में (वक्री अस्त), मंगल और शनि कुंभ राशि में, सूर्य और राहु मेष राशि में, शुक्र और गुरु मीन राशि में, केतु तुला राशि में रहेगा। सोमवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि मजबूरी में यात्रा करनी पड़े तो शीशे में अपना चेहरा देखकर या कोई भी फूल खा कर घर से निकलना चाहिए।

16 मई के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रमी संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- वैशाख
पक्ष- शुक्ल
दिन- सोमवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- विशाखा और अनुराधा
करण- बालव और कौलव
सूर्योदय - 5:49 AM
सूर्यास्त - 6:57 PM
चन्द्रोदय - 7:24 PM
चन्द्रास्त - 6:30 AM
अभिजीत मुहूर्त - 11:56 AM – 12:49 PM

16 मई का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 10:44 AM – 12:23 PM
कुलिक - 2:01 PM – 3:40 PM
दुर्मुहूर्त - 12:49 PM – 01:41 PM और 03:27 PM – 04:19 PM
वर्ज्यम् - 04:52 PM – 06:18 PM

क्या होता है चंद्र और सौर वर्ष?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य एक राशि में लगभग 30 दिन रहता है। किसी-किसी राशि में ये ग्रह 31 दिन भी रहता है। इस तरह सूर्य लगभग 365 दिनों में अपना राशि चक्र पूरा करता हुआ सूर्य का एक चक्कर लगा लेता है। इसे ही सौर वर्ष कहते हैं जो 365 दिन का होता है।
चंद्र वर्ष की बात की जाए तो चंद्रमा लगभग सवा दो दिन में राशि परिवर्तन करता है। इस तरह ये ग्रह लगभग 28 से 30 दिनों के बीच अपना राशि चक्र पूरा करता हुआ पृथ्वी का एक चक्कर लगा लेता है। इस तरह जब चंद्रमा के 12 चक्र पूरे हो जाते हैं तो इसे एक चंद्र वर्ष कहते हैं जो लगभग 355 दिनों का होता है। 
इस तरह हर साल चंद्र और सौर वर्ष में लगभग 10 दिनों का अंतर आ जाता है। इस अंतर को दूर करने के लिए ही हमारे विद्ववानों ने अधिक मास की व्यवस्था की है। ताकि इसका तालमेल बिगड़े न और 2 साल बाद सौर और चंद्र वर्ष एक समान अवस्था में आ जाए।