सार

16 जून 2022, दिन गुरुवार को पहले पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से धाता और उसके बाद उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से सौम्य नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं।
 

उज्जैन. वैदिक ज्योतिष भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है। ज्योतिष के माध्यम के ही हमें ग्रह-नक्षत्रों की पूरी जानकारी प्राप्त होती है और शुभ-अशुभ मुहूर्त आदि के बारे में पता लगता है। ग्रह-नक्षत्रों के राशि परिवर्तन और शुभ-अशुभ मुहूर्त आदि के बारे में पूरी जानकारी पंचांग में दी जाती है। वैसे तो हमारे देश में कई तरह के पंचांग प्रचलित है, लेकिन उन सभी में विक्रम पंचांग प्रमुख है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचांग मुख्य रूप से 5 अंगों से मिलकर बनता है ये हैं करण, तिथि, नक्षत्र, वार और योग।
ग्रह नक्षत्रों का संपूर्ण जानकारी पंचांग में दी जाती है। जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

गुरुवार का व्रत करने से दूर होंते हैं गुरु ग्रह के दोष
हिंदू धर्म में सप्ताह के सातों दिनों को अलग-अलग ग्रहों ओर देवताओं से जोड़ा गया है। उसी प्रकार गुरुवार के देवता भगवान विष्णु और ग्रह बृहस्पति है, जिसे गुरु ग्रह भी कहा जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरु ग्रह अनुकूल न हो तो विवाह व शिक्षा संबंधी मामलों में समस्याएं आती हैं। ऐसा होने पर लोगों को गुरुवार का व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इससे जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है और परेशानियां भी दूर होती हैं। इस दिन पीली चीजें जैसे केले, आम, पीले रंग की मिठाई, पीले वस्त्र आदि का दान करने से भी भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। 

16 जून का पंचांग (Aaj Ka Panchang 16 June 2022)
16 जून 2022, दिन गुरुवार को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की द्वितिया तिथि रहेगी। इस दिन सूर्योदय पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में होगा, जो दोपहर लगभग 4 बजे तक रहेगा, इसके बाद उत्तराषाढ़ा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। गुरुवार को पहले पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से धाता और उसके बाद उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से सौम्य नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इस दिन राहुकाल दोपहर 2:08 से 3:48 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
गुरुवार की रात चंद्रमा धनु से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करेगा। इस दिन सूर्य मिथुन राशि में, बुध वृषभ राशि में, राहु और शुक्र मेष राशि में, केतु तुला राशि में, मंगल व गुरु मीन में और शनि कुंभ राशि में रहेंगे। गुरुवार को दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि करनी पड़े तो दही या जीरा मुंह में डाल कर निकलें।

16 जून के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आषाढ़
पक्ष- कृष्ण
दिन- गुरुवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा
करण- गर और वणिज
सूर्योदय - 5:45 AM
सूर्यास्त - 7:09 PM
चन्द्रोदय - 9:32 PM
चन्द्रास्त -  8:27 AM
अभिजीत मुहूर्त - 12:00 PM से 12:54 PM

16 जून का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 5:44 AM – 7:25 AM
कुलिक - 9:06 AM – 10:46 AM
दुर्मुहूर्त - 10:13 AM – 11:07 AM और 03:35 PM – 04:28 PM
वर्ज्यम् - 07:43 PM – 09:08 PM

आकाश मंडल का 20वां नक्षत्र है पूर्वाषाढ़ा, शुक्र है इसका स्वामी
पूर्वाषाढ़ा आकाश मंडल का 20वाँ नक्षत्र है। यह धनु राशि के अंतर्गत आता है। इस नक्षत्र का स्वामी शुक है और राशि स्वामी शुक्र। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र दो तारों से मिलकर बना है। पूर्वाषाढ़ा का अर्थ होता है अपराजेय जिसे जीत पाना असंभव हो। इस नक्षत्र में जन्में लोग महत्वाकांक्षी, ईमानदार, दया भाव वाले, राजनीतिक, प्रशासनिक संगठन आदि से जुड़े हुए होते हैं। ये लोग दिखने में सुदंर और कलाकार भी हो सकते हैं। इस नक्षत्र में जन्मे लोग उत्साही होते हैं। साथ ही यह कर्मठ और पराक्रमी भी होते हैं। यदि इनको कोई काम बताया जाए तो यह मेहनत के साथ करते हैं।