सार

बुधवार को सूर्योदय मूल नक्षत्र में होगा, जो शाम को लगभग 05.35 तक रहेगा। इसके बाद पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। बुधवार को पहले मूल नक्षत्र होने से ध्वज और उसके बाद पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं।
 

उज्जैन. ग्रह-नक्षत्र वैसे तो खगोल शास्त्र का विषय हैं, लेकिन हिंदू धर्म में इसे ज्योतिष और धर्म से भी जोड़कर देखा जाता है। हमारे सौर मंडल में स्थित सभी 9 ग्रह किसी न किसी रूप में हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं, ऐसा ज्योतिष शास्त्र में बताया जाता है। ग्रह नक्षत्रों का संपूर्ण जानकारी पंचांग में दी जाती है। वर्तमान में कौन-सा संवत्सर चल रहा है, उसका नाम क्या है इसकी जानकारी भी पंचांग में बताई जाती है। वैसे तो हमारे देश में कई तरह के पंचांग प्रचलित है, लेकिन उन सभी में विक्रम पंचांग प्रमुख है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचांग मुख्य रूप से 5 अंगों से मिलकर बनता है ये हैं करण, तिथि, नक्षत्र, वार और योग। जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

आज से शुरू होगा आषाढ़ मास
हिंदू पंचांग के अनुसार, साल का चौथा महीना आषाढ़ होता है। इस बार इसका आरंभ 15 जून, बुधवार से हो रहा है, जो 13 जुलाई, बुधवार तक रहेगा। इस महीने का धार्मिक दृष्टिकोण से विशेष महत्व है। इसी महीने से वर्षा ऋतु का आरंभ होता है और इसी महीने से चातुर्मास का आरंभ भी होता है। इस महीने में गुप्त नवरात्रि का पर्व भी मनाया जाता है। साथ ही हलहारिणी अमावस्या, योगिनी एकादशी, देवशयनी एकादशी व्रत भी इस महीने में ही आते हैं। विश्वप्रसिद्ध जगन्नाथ रथयात्रा भी इसी महीने में निकाली जाती है।

15 जून का पंचांग (Aaj Ka Panchang 15 June 2022)
15 जून 2022, दिन बुधवार को हिंदू पंचांग का चौथा महीना आषाढ़ा शुरू हो जाएगा। इसी महीने मे चातुर्मास भी शुरू होगा। बुधवार को सूर्योदय मूल नक्षत्र में होगा, जो शाम को लगभग 05.35 तक रहेगा। इसके बाद पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। बुधवार को पहले मूल नक्षत्र होने से ध्वज और उसके बाद पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इस दिन राहुकाल दोपहर 12:27 से 02:08 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
बुधवार को सूर्य वृषभ राशि से निकलकर मिथुन राशि में प्रवेश करेगा। इस दिन चंद्रमा धनु राशि में, बुध वृषभ राशि में, राहु और शुक्र मेष राशि में, केतु तुला राशि में, मंगल व गुरु मीन में और शनि कुंभ राशि में रहेंगे। बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि निकलना पड़े तो तिल या धनिया खाकर घर से बाहर निकलें।

15 जून के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आषाढ़
पक्ष- कृष्ण
दिन- बुधवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- मूल और पूर्वाषाढ़ा
करण- कौलव और तैतिल
सूर्योदय - 5:45 AM
सूर्यास्त - 7:09 PM
चन्द्रोदय - 8:29 PM
चन्द्रास्त - 7:17 AM 
अभिजीत मुहूर्त – इस दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं है।

15 जून का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 7:25 AM – 9:06 AM
कुलिक - 10:46 AM – 12:27 PM
दुर्मुहूर्त - 12:00 PM – 12:54 PM
वर्ज्यम् - 11:58 PM – 01:23 AM

केतु है मूल नक्षत्र का स्वामी, राशि स्वामी है गुरु
मूल नक्षत्र के चारों चरण धनु राशि में आते हैं। इसका स्वामी केतु है। वहीं राशि स्वामी गुरु है। ये आकाश मंडल का 19वां नक्षत्र है। ये गंडमूल नक्षत्रों के अंतर्गत आता है। ज्योतिष शास्त्र में इस नक्षत्र को अशुभ माना गया है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले बच्चों की मूल शांति करवाना आवश्यक होती है, नहीं तो परिवार पर कोई संकट आ सकता है। मूल नक्षत्र में जन्मे लोग सामान्य लोगों से कुछ अलग विचारों वाले होते हैं। ऐसे लोग जिस भी क्षेत्र में काम करते हैं, वहां अपना एक अलग मुकाम हासिल करते हैं। भले ही इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले लोग दिखने में सुंदर न भी हो पर उनमें गजब का आकर्षण होता है।