सार
Aaj Ka Panchang: 14 अक्टूबर शुक्रवार को नक्षत्र होने से मित्र नाम का शुभ योग पूरे दिन रहेगा। इसके अलावा व्यातिपात और वरियान नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। इस दिन राहुकाल सुबह 10:46 से दोपहर 12:12 तक रहेगा।
उज्जैन. पंचांग कालगणना का प्रमुख केंद्र है। वर्तमान में कौन-सा संवत्सर चल रहा है, उसका नाम क्या है इसकी जानकारी भी पंचांग में बताई जाती है। इसके अलावा ग्रहों में इस साल का राजा और मंत्री कौन है, इसके बारें में बताया जाता है। कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि व्यक्ति को ज्योतिष से संबंधित अगर कोई जानकारी चाहिए तो वो पंचांग में पाई जा सकती है। आगे पंचांग से जानिए आज कौन-कौन से शुभ योग बनेंगे, कौन-सा ग्रह किस राशि में रहेगा और राहु काल व अभिजीत मुहूर्त का समय…
14 अक्टूबर का पंचांग (Aaj Ka Panchang 14 October 2022)
14 अक्टूबर 2022, दिन शुक्रवार को कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि पूरे दिन रहेगी। इस दिन रोहिणी नक्षत्र पूरे दिन रहेगा। शुक्रवार को नक्षत्र होने से मित्र नाम का शुभ योग पूरे दिन रहेगा। इसके अलावा व्यातिपात और वरियान नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। इस दिन राहुकाल सुबह 10:46 से दोपहर 12:12 तक रहेगा।
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
शुक्रवार को चंद्रमा वृषभ राशि में, सूर्य, बुध और शुक्र कन्या राशि में, मंगल वृष राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। शुक्रवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। अगर यात्रा करना जरूरी हो तो जौ या राईं खाकर घर से बाहर निकलें।
14 अक्टूबर के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- कार्तिक
पक्ष- कृष्ण
दिन- शुक्रवार
ऋतु- शरद
नक्षत्र- रोहिणी
करण- कौलव और तैतिल
सूर्योदय - 6:27 AM
सूर्यास्त - 5:58 PM
चन्द्रोदय - Oct 14 9:12 PM
चन्द्रास्त - Oct 15 11:18 AM
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 11:49 से 12:35 तक
14 अक्टूबर का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 3:05 PM – 4:32 PM
कुलिक - 7:53 AM – 9:19 AM
दुर्मुहूर्त - 08:45 AM – 09:31 AM, 12:35 PM – 01:21 PM
वर्ज्यम् - 02:59 AM – 04:45 AM
सुख-संपत्ति और प्रेम का कारक है शुक्र ग्रह
आज शुक्रवार है। इसे शुक्र ग्रह का दिन माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवग्रहों में शुक्र का भी विशेष स्थान है। इसे सुख-संपत्ति और प्रेम का कारक माना जाता है। शुक्र वृषभ और तुला राशि का स्वामी होता है और मीन इसकी उच्च राशि है, जबकि कन्या इसकी नीच राशि कहलाती है। शुक्र को 27 नक्षत्रों में से भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है।
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