सार

12 अगस्त को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि और भादौ मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि का संयोग बन रहा है। शुक्रवार को धनिष्ठा नक्षत्र होने से प्रजापति नाम का शुभ योग इस दिन रहेगा। साथ ही इस दिन सौभाग्य और शोभन नाम के 2 अन्य शुभ योग भी रहेंगे। 
 

उज्जैन. पंचांग ज्योतिष का एक प्रमुख अंग है। किसी समय हर घर में पंचांग आसानी से उपलब्ध हो जाता था, लेकिन अब मोबाइल आदि में दिन भर के मुहूर्त, राहुकाल, अभिजीत मुहूर्त आदि का जानकारी आसानी से मिल जाती है। हमारे देश में कई तरह के पंचांग प्रचलित हैं, लेकिन इन सभी में विक्रम पंचांग सबसे अधिक प्रचलित है। सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि नेपाल आदि देशों में भी पंचाग का प्रचलन है। इनमें से कुछ सौर मास पर आधारित हैं तो कुछ चंद्र वर्ष पर। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…


12 अगस्त का पंचांग (Aaj Ka Panchang 12 August 2022)
12 अगस्त 2022, दिन शुक्रवार को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि सुबह 07.05 तक रहेगी। इसके बाद भादौ मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि आरंभ हो जाएगी। इस दिन सूर्योदय धनिष्ठा नक्षत्र में होगा जो रात अंत तक रहेगा। शुक्रवार को धनिष्ठा नक्षत्र होने से प्रजापति नाम का शुभ योग इस दिन रहेगा। साथ ही इस दिन सौभाग्य और शोभन नाम के 2 अन्य शुभ योग भी रहेंगे। शुक्रवार को राहुकाल सुबह 10:55 से दोपहर 12:31 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
शुक्रवार को चंद्रमा मकर राशि से निकलकर कुंभ में प्रवेश करेगा। इस दिन मंगल वृषभ राशि में, शुक्र कर्क राशि में, बुध सिंह राशि में, सूर्य कर्क राशि में, शनि मकर राशि (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। शुक्रवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। अगर यात्रा करना जरूरी हो तो जौ या राईं खाकर घर से बाहर निकलें।

12 अगस्त के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- श्रावण
पक्ष- शुक्ल
दिन- शुक्रवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- धनिष्ठा
करण- बालव और कौलव
सूर्योदय - 6:05 AM
सूर्यास्त - 6:58 PM
चन्द्रोदय - Aug 12 7:38 PM
चन्द्रास्त - Aug 13 7:06 AM
अभिजीत मुहूर्त– दोपहर 12:06 PM से 12:57 तक

12 अगस्त का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 3:44 PM – 5:21 PM
कुलिक - 7:42 AM – 9:18 AM
दुर्मुहूर्त - 08:40 AM – 09:31 AM, 12:57 PM – 01:49 PM
वर्ज्यम् - 08:09 AM – 09:37 AM

कुंडली का तीसरा भाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्म कुंडली का तीसरा भाव पराक्रम और साहस के बारे में बताता है। इसके अलावा इस से भाव भाई बहनों का सुख और यात्राओं के बारे में भी विचार किया जाता है। पराक्रम भाव होने पर व्यक्ति के बाहु बल का विचार किया जाता है। साहस, वीरता आदि के लिये भी तीसरे भाव देखा जाता है। कुण्डली में यदि तीसरा भाव कमजोर हो तो व्यक्ति के साहस में कमी देखी जा सकती है।


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