हेल्थ डेस्क.विश्व गर्भनिरोधक दिवस 2022(contraception day 2022) 26 सितंबर को परिवार नियोजन और गर्भनिरोधक जानकारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। यह हर साल पूरी दुनिया में मनाया जाता है। इस दिन सुरक्षित सेक्स के बारे में जानकारी दी जाती है। इसके साथ ही प्रजनन स्वास्थ्य के मूल्य पर भी जोर दिया जाता है।
विश्व गर्भनिरोधक दिवस का इतिहास
विश्व गर्भनिरोधक दिवस पहली बार साल 2007 में 26 सितंबर को मनाया गया था। उस दिन, दस अंतरराष्ट्रीय परिवार नियोजन संगठनों ने गर्भ निरोधकों के उपयोग की धारणा को बढ़ावा दिया था। विश्व गर्भनिरोधक दिवस को मनाने का उद्देश्य युवा पीढ़ी को यौन जागरूकता की जानकारी देना है। लोगों को समय-समय पर कार्यक्रम कर जानकारी देना। युवा पीढ़ी को गर्भ निरोधक के उपायों के बारे में बताना। इस कार्यक्रम में लोगों गर्भ धारण के बचाव के बारे में बताया जाता है।
अधिकांश लोग आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली गर्भनिरोधक तरीकों का ठीक से उपयोग नहीं करते हैं। जिसकी वजह से अनचाही प्रेग्नेंसी का खतरा बना रहता है। चलिए बताते हैं अक्सर इस्तेमाल में लाई जाने वाली गर्भनिरोधक और ये कैसे काम करता है।
1.कंडोम
भारत में गर्भनिरोधक का सबसे ज्यादा इस्तेमाल कंडोम का किया जाता है। यह मेल और फीमेल दोनों के लिए उपलब्ध होता है। दोनों कंडोम यौन संबंध बनाने के दौरान एक परत के रूप में काम करते हैं। यह स्पर्म और एग को अलग करती है।
2.गर्भनिरोधक गोलियां
गर्भनिरोधक गोलियां महिलाएं अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए अक्सर खाती हैं। गर्भ निरोधक गोलियां कई तरह से काम करती हैं जैसे कि हार्मोंस के लेवल को बनाए रखना, ओवुलेशन करने वाले एस्ट्रोजन को बढ़ने से कंट्रोल करना या सर्विकल म्यूकस को मोटा करना। वहीं कई गर्भनिरोधक एग को ओवरी से निकलने से रोकते हैं। असुरक्षित यौन संबंध बनाने के पांच दिन बाद तक इमरजेंसी गर्भनिरोधक गोली का उपयोग किया जा सकता है। ये अक्सर हर दिन ली जाती हैं।
3.वजाइनल रिंग
वजाइनल रिंग एक छोटी प्लास्टिक की अंगूठी होती है। जिसे वजाइना के अंदर डाला जाता है। ये ओवरी से एग को निकलने से रोकती है। युवा अवस्था में महिलाओं के लिए यह सुरक्षित और सुविधाजनक माना जाता है।
4.आईयूडी व कॉपर आईयूडी
आईयूडी व कॉपर आईयूटी को गर्भ के अंदर इम्पलांट किया जाता है। यह स्पर्म को एग तक पहुंचने से रोकते हैं। वहीं कॉपर आईयूटी स्पर्म को खत्म करके महिला को गर्भवती होने से रोकते है। इसके लिए महिला को डॉक्टर के पास जाना होता है।
5. इम्प्लांट तकनीक
अनचाहे गर्भ से बचने के लिए इम्प्लांट तकनीक का प्रयोग तेजी से हो रहा है। यह महिलाओं के स्कीन के नीचे इम्प्लांट किया जाता है। जो लगातार ऐसे हार्मोन को छोड़ता है जो फर्टिलिटी को रोकता है। तीन साल तक महिलाएं अनचाहे गर्भ से बच सकती हैं।
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