सार
बालों का गिरना और उसकी वजह से गंजेपन का शिकार हो जाना आम समस्या है। खराब लाइफ स्टाइल के साथ-साथ जेनेटिक वजहों से भी गंजापन होता है। बालों को वापस लाने के लिए लोग हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी का साहारा लेते हैं। लेकिन कई बार यह जानलेवा भी साबित होता है। ऐसे में जरूरी है कुछ खास बातों का ख्याल रखना।
हेल्थ डेस्क. महिला और पुरुष दोनों में बालों का गिरना आम समस्या है। पुरुषों में गंजापन महिलाओं की तुलना में जल्दी आ जाता है। खराब लाइफस्टाइल और जेनेटिक वजह भी गंजेपन की वजह होती हैं। वैसे तो मार्केट में बालों को गिरने से रोकने के लिए कई प्रोडक्ट हैं। इसके अलावा गंजापन छुपाने के भी कई तरीके आ गए हैं। लेकिन अभी भी सबसे लोकप्रिय तरीका हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी ही है। फिर आपके बाल नेचुरल तरीके से बढ़ने लगते हैं। हालांकि कभी-कभी गलत तरीके से हेयर ट्रांसप्लांट करने से जान भी जा सकती हैं। ऐसा ही कुछ 30 साल के युवक के साथ हुआ जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। आइए बताते हैं उस युवक की कहानी और फिर जानते हैं कि हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
दिल्ली के युवक की सर्जरी के बाद हुई मौत
हेयर ट्रांसप्लांट की वजह से जान गंवाने वाले युवक का नाम अतहर रशीद है। वो जामिया में रहता था और जून 2022 को हेयर ट्रांसप्लांट के बाद उसकी जान चली गई। जब वो अपने गंजेपन से छुटकारा पाने के लिए डॉक्टर के पास गया था तो उसने सपने में भी नहीं सोचा था कि उसकी जिंदगी जाने वाली हैं। अब उसके परिवार ने हेयर ट्रांसप्लांट करने वाले इस सैलून से मुआवजे की मांग की है। हाईकोर्ट ने हेयर ट्रांसप्लांट करने वाले इस सैलून को फटकार भी लगाई। इसके साथ ही मुआवजा देने को भी कहा है। दिल्ली हाईकोर्ट के दखल के बाद इसे लेकर एडवाइजरी जारी की गई है। जिसमें कहा गया है कि सिर्फ योग्य डॉक्टर ही हेयर ट्रांसप्लांट कर सकते हैं।
डॉक्टर और हेल्पर काबिल होने चाहिए
डॉक्टर के साथ जो हेल्पर होंगे वो भी काबिल होने चाहिए यानि मेडिकल बैकग्राउंड के हो। जिस सेटअप में सर्जरी हो वो जगह किसी अस्पताल से जुड़ी हो। वहां आईसीयू की सुविधा उपलब्ध हो हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान मरीज को कोई दिक्कत हो तो उसे तुरंत आईसीयू में दाखिल किया जा सके।
इसके साथ ही एडवाइजरी में ट्रांसप्लांट कराने वाले व्यक्ति को पूरी प्रोसीजर और उससे होने वाले नुकसानों की जानकारी देना की भी बात कही गई है।
भारत में दो दशकों में पॉपुलर हुआ हेयर ट्रांसप्लांंट
भारत में दो दशकों में हेयर ट्रांसप्लांट काफी पॉपुलर हुआ है। पहले सेलेब्रिटी दूसरे मुल्क हेयर ट्रांसप्लांट कराने जाते थे और खर्चा भी काफी था। लेकिन नई तकनीकों की वजह से अब ये सस्ता और सबके पहुंच के अंदर हो गया हैं। वैसे तो हेयर ट्रांसप्लांट का प्रोसेस आसान हैं, लेकिन अगर जो इसे कर रहा है उसके पास अगर पूरी जानकारी नहीं मौजूद है तो ये जानलेवा साबित हो सकता है।
क्या होता है हेयर ट्रांसप्लांट
हेयर ट्रांसप्लांट में सिर के पीछे या साइड में जहां घने बाल हैं, वहां से बाल लेकर उस एरिया में प्लांट किए जाते हैं जहां बाल नहीं हैं। ये एक सर्जिकल मैथड है।इस पूरी प्रक्रिया में 8 से 10 हफ्ते का वक्त लगता है। अगर सिर पर बाल नहीं होते हैं तो पुरुष के छाती या फिर दाढ़ी से बालों को लिया जाता है।
कैसे किया जाता है हेयर ट्रांसप्लांट
हेयर ट्रांसप्लांट के लिए वीक में 5 से 6 घंटे की एक सर्जरी की सिटिंग होती हैं। जिसके तहत व्यक्ति के सिर में कुछ ही बाल ट्रांसप्लांट किए जाते हैं। फिर अगली बार इस प्रक्रिया को दोहराया जाता है। इस सर्जरी में एनेस्थीसिया देने वाले स्पेशलिस्ट के साथ साथ अन्य उपकरणों के विशेषज्ञ भी मौजूद रहते हैं। अगर किसी क्लाइंट को बीमरी होती है तो उसे पहले जान लिया जाता है। फिर उसे ध्यान में रखकर इस प्रोसीजर को पूरा किया जाता है।
हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान आने वाली दिक्कत
वैसे तो हेयर ट्रांसप्लांट के दौरान शारीरिक दिक्कत बहुत ही कम होती है। अगर कोई साइड इफेक्ट भी होता है तो थोड़े दिनों में चला जाता है। जैसे-
इंफेक्शन
स्कैलप का सूजना
ब्लीडिंग
आंखों के आसपास नीला धब्बा पड़ जाना
ट्रांसप्लांट किए गए हिस्से का सुन्न पड़ जाना
खुजली
हेयर फॉलिक्श में सूजन या इंफेक्शन
जहां से बाल निकाले गए हैं वहां पपड़ी का बन जाना
हेयर ट्रांसप्लांट कराते वक्त रखें ध्यान
योग्य डॉक्टर से ही सर्जरी करावएं। जिसके पास इसके लिए लाइसेंस हो।
हेयर ट्रांसप्लांट कई तकनीकों से किया जाता है। इसकी जानकारी होनी जरूरी है
आपके लिए कौन सी तकनीक बेहतर होगी उसकी जानकारी होनी चाहिए।
अच्छे और मान्यता प्राप्त अस्पताल को हेयर ट्रांसप्लांट के लिए चुने
ये सुनिश्चित करें कि जो डॉक्टर आपकी सर्जरी कर रहा है वो तमाम प्रोटोकॉल का पालन कर रहा है या नहीं।
क्या होता है हेयर ट्रांसप्लांट का असर
हेयर ट्रांसप्लांट होने के दो हफ्तों बार सिर में असर देखा जाता है। गंजेपन से प्रभावित एरिया में दो हफ्ते से तीन हफ्ते के भीतर नए बाल आने शुरू हो जाते हैं। ये बाल बिल्कुल नेचुरल होते हैं। दो तीन हफ्ते में छोटे-छोटे बाल आते हैं जो बाद में लंबे हो जाते हैं।
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