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कौन है मौलाना हिदायत उर रहमान जिसकी धमकियों से डर गया चीन, पाकिस्तान भी बेबस, अरबों के प्रोजेक्ट्स ठप

Who is Maulana Hidayat ur Rehman: चीन के कई देशों में अपने प्रोजेक्ट्स के विस्तार को पाकिस्तान में झटका लगा है। अपनी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) के तहत बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादार में कई बड़े प्रोजेक्ट्स के निर्माण में जुटे चीन के मंसूबे पर पानी फिरता दिख रहा है। बलूचिस्तान की आवाम चीनी प्रोजेक्ट्स के विरोध में उतर आई है जिसकी वजह से छह महीना से अधिक समय से सारे प्रोजेक्ट्स ठप पड़े हुए हैं। कोई भी चीन अधिकारी प्रोजेक्ट्स एरिया के आसपास भी नहीं फटक रहे और जो बंदरगाह पर थोड़े बहुत हैं वह अपने केबिन्स में दुबके हुए हैं। धमकियों से डरे चीनी काम करने से मना कर चुके हैं। दरअसल, दुनिया को डराने वाला चीन, बलूच नेता मौलाना हिदायत उर रहमान की धमकियों से सहमा हुआ है। गवादर राइट्स मूवमेंट के नेता रहमान ने साफ तौर पर चीनियों को प्रोजेक्ट्स एरिया के आसपास न भटकने की हिदायत दी है। आलम यह कि बीते साल जुलाई माह में खैबर पख्तूनख्वा के स्वात और शांगला जिलों में हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट्स पर काम रूका पड़ा है और उसे दोबारा शुरू नहीं किया जा सका है।
 

Dheerendra Gopal | Published : Jan 03 2023, 06:11 PM
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चीन की मदद से पाकिस्तान में कई प्रोजेक्ट्स

बीआरआई यानी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के तहत पाकिस्तान में चीन अरबों रुपये का प्रोजेक्ट्स का निर्माण कर रहा है। पाकिस्तान में कई एक्सप्रेस-वे, हवाई अड्डे और बंदहगाह बनाए जा रहे हैं। लेकिन बलूचिस्तान के ग्वादर में इन प्रोजेक्ट्स का विरोध हो रहा है। स्वात और शांगला जिले में कई प्रोजेक्ट्स पर भी ग्रहण लग चुका है।
 

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कौन है मौलाना हिदायत उर रहमान?

मौलाना हिदायत उर रहमान, बलूचिस्तान का रहने वाला एक नेता है। वह हक दो आंदोलन चला रहा है। बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर के लोगों के हक और हकूक के लिए हिदायत उर रहमान, ग्वादर राइट्स मूवमेंट की अगुवाई कर रहा है। मौलाना के नेतृत्व में कई महीनों से ग्वादर बंदरगाह क्षेत्र में धरना चल रहा है। यह लोग चीन के प्रोजेक्ट्स का विरोध कर रहे हैं। 

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हक दो तहरीक की यह है मांग

मौलाना हिदायत उर रहमान के नेतृत्व में चल रहे हक दो तहरीक आंदोलन की मांग है कि ग्वादर क्षेत्र में बनाए गए सुरक्षा चेक-प्वाइंट्स की संख्या घटाई जाए, समुद्र में ट्रावलिंग से मछली न मारी जाए, ईरान के साथ सीमा पार व्यापार पर लगी रोक को हटाया जाए। इसके साथ साथ बीआरआई प्रोजेक्ट्स को बंद किया जाए। 
 

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मौलाना ने दी धमकी, काम छोड़कर भागे चीनी

ग्वादर में चीनी प्रोजेक्ट्स के खिलाफ मौलाना की अगुवाई में हक दो तहरीक का धरना चल रहा है। मौलाना हिदायत उर रहमान ने चेताया कि चीन बिना देर किए ग्वादर बंदरगाह क्षेत्र छोड़ दे। अगर सरकार उनके शांतिपूर्ण विरोध को 'अनदेखा' करती है, तो उन्हें अपने अधिकारों की रक्षा के लिए हथियार उठाने और उपयोग करने का अधिकार है। इसके बाद ग्वादर क्षेत्र में ग्वादर ईस्ट बे एक्सप्रेस-वे और ग्वादर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण रूक गया। 

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विरोध के कारण चीनी इंजीनियरों ने स्वात में 84 मेगावॉट की हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट का काम भी रोक दिया। साथ ही शांगला के 11.8 मेगावाट की करोरा हाइड्रो पॉवर प्रोजेक्ट पर भी काम बंद है। छह महीना से अधिक समय हो गया लेकिन काम ठप पड़ा हुआ है।

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इंजीनियर्स डर के मारे शिफ्ट हुए इस्लामाबाद

उधर, बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव के अंतर्गत काम कर रहे इंजीनियर्स ने भी ग्वादर क्षेत्र धमकी के बाद छोड़ दिया। अब सभी इंजीनियर्स इस्लामाबाद शिफ्ट हो चुके हैं। हालांकि, ग्वादर क्षेत्र में करीब 500 के आसपास चीनी नागरिक हैं लेकिन यह सभी बंदरगाह कैंपस में ही रह रहे हैं। धमकी की वजह से इनका आवागमन बंद है। 

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Dheerendra Gopal
About the Author
Dheerendra Gopal
धीरेंद्र गोपाल 2007 से पत्रकारिता कर रहे हैं। अमर उजाला से शुरू करने के बाद हिंदुस्तान टाइम्स और राजस्थान पत्रिका में रिपोर्टिंग हेड व ब्यूरोचीफ सहित विभिन्न पदों पर रहे। राजनीतिक रिपोर्टिंग, क्राइम व एजुकेशन बीट के अलावा स्पेशल कैंपेन, ग्राउंड रिपोर्टिंग व पॉलिटिकल इंटरव्यू का अनुभव व विशेष रूचि है। डिजिटल मीडिया, प्रिंट और टीवी तीनों फार्मेट में काम करने का डेढ़ दशक का अनुभव। एशियानेट में वर्तमान में EOD देखते हैं। Read More...
 
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