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- जब पाकिस्तान के पूर्व PM के बेटे और दिग्गज नेता को ट्रांसजेंडर के पांव छूने पड़ गए, जानिए ये माजरा क्या है?
जब पाकिस्तान के पूर्व PM के बेटे और दिग्गज नेता को ट्रांसजेंडर के पांव छूने पड़ गए, जानिए ये माजरा क्या है?
कराची(Karachi). ये तस्वीर पाकिस्तान के कराची की हैं, जहां समान अधिकारों के लिए अभियान(campaign for equal rights) चलाने और अपने समुदाय के खिलाफ भेदभाव के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए सैकड़ों ट्रांसजेंडर कार्यकर्ता रविवार को कराची के फ्रेरे हॉल( Frere Hall) में एकत्र हुए। माना जाता है कि यह अपनी तरह का पहला सिंध मूरत मार्च 2022( Sindh Moorat March 2022) था, जो ट्रांसजेंडर समुदाय द्वारा आयोजित किया गया था। इसमें पीपीपी नेता मुर्तजा भुट्टो जूनियर भी शामिल हुए। मुर्तजा पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के इकलौते बेटे हैं। इनके अलावा राजनेताओं, वकीलों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने भी इस आयोजन में भाग लिया। जानिए पूरी डिटेल्स...
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20 नवंबर की दोपहर 1 बजे शुरू हुए विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों ट्रांसजेडर समुदाय को हाथों में तख्तियां लिए समान अधिकारों के लिए नारे लगाते हुए देखा। इस तस्वीर में मुर्तजा भुट़्टो एक ट्रांसजेंडर के पैर छूते दिख रहे हैं।
विरोध मार्च के आयोजक शहजादी राय ने लोकल मीडिया को बताया बताया, कि यह पाकिस्तान का पहला ट्रांस राइट मार्च है। उन्होंने कहा कि विरोध 20 नवंबर को ट्रांसपर्सन के ग्लोबल मार्च का एक हिस्सा था। इस दिन हम उन सभी ट्रांसपर्सन को याद करते हैं, जिन्हें क्रूरता से मार दिया गया था।
शहजादी राय के अनुसार, मार्च का मुख्य उद्देश्य ट्रांस राइट्स कानून को लागू करवाना है। उन्होंने कहा, "इस साल हमने ईरान में महिलाओं के साथ एकजुटता दिखाने के लिए 'जान, जिंदगी और आजाद (woman, life and free)' का नारा अपनाया है।"
मार्च से पहले, दक्षिण के सीनियर एसपी सैयद असद रज़ा ने बताया कि प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा के लिए लगभग 300 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था, जबकि बम विशेषज्ञों द्वारा स्थल की पूरी तरह से जांच की गई थी।
एसपी सैयद रज़ा के अनुसार, किसी भी स्थिति से निपटने के लिए व्यापक यातायात व्यवस्था और स्नाइपर्स को भी तैनात किया गया था। उन्होंने कहा कि मार्च के दौरान कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।
ये हैं मांगें- सिंध मूरत मार्च की 12 मुख्य मांगें हैं, पहली ट्रांसफोबिक हेट स्पीच का अपराधीकरण और इसे लागू करना है। आयोजकों द्वारा ट्विटर पर शेयर किए गए एक पोस्ट में कहा गया है, " लॉ आफ दियत के (रक्त धन या पारिवारिक क्षमा) को ट्रांस व्यक्तियों की हत्या से बाहर रखा जाना चाहिए।"
इसने रेखांकित किया कि "स्वयं-कथित" लिंग पहचान के अधिकार की रक्षा की जानी चाहिए, क्योंकि यह प्रत्येक व्यक्ति का मूल अधिकार था।