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सो रहे थे सभी लोग, तभी हुआ तेज धमाका, लाखों लोगों की हो गई मौत, हर तरफ थे सिर्फ लाशों के ढेर
टोक्यो. जापान इस हफ्ते परमाणु हमले की 75वीं बरसी मना रहा है। इन हमलों में 2 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। इसके अलावा इससे कहीं ज्यादा लोग आज तक इस हमले का दर्द झेल रहे हैं। नागासाकी में हमले के बाद 60 हजार फीट की ऊंचाई तक धुआं का गुबार उठा था। अमेरिका ने द्वितीय विश्व युद्ध के समय जापान में दो जगहों हिरोशिमा और नागासाकी पर बम गिराए थे। अकेले हिरोशिमा में 1 लाख 40 हजार लोगों की मौत हो गई थी। हमला इतना तेज था कि पूरा शहर तबाह हो गया था। इन परमाणु हमलों का इतना असर पड़ा कि यहां अभी तक दिव्यांग बच्चे पैदा होते हैं।
| Published : Aug 04 2020, 02:52 PM IST / Updated: Aug 05 2020, 09:09 AM IST
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पहला परमाणु बम जापान के हिरोशिमा में 6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने गिराया था। (फोटो- Reuters)
यह बम 'इनोला गे' विमान से गिराए गए थे। इसे कर्नल पॉल तिब्बेत उड़ा रहे थे। (फोटो में इनोला गे विमान के साथ कर्नल पॉल) (फोटो- Reuters)
बोइंग बी-29 सुपरफोर्ट्र्रेस इलोना गे से बम गिराने के बाद यह विमान टिनिअन एयरबेस पर लौट आया था। (फोटो- Reuters)
हिरोशिमा पर जो बम गिराया गया था, वह 13-16 किलोटन का था। इसका नाम लिटिल ब्वॉय था। हालांकि, इसका असर कहीं से लिटिल नहीं था। (फोटो- Reuters)
यह 600 मीटर की ऊंचाई से जमीन पर गिराया गया था। इस हमले में 1 लाख 40 हजार लोगों की मौत हुई थी। इस हमले का धुआं जमीन से 20 हजार किमी ऊपर तक उठा था। (फोटो- Reuters)
हमले के तुरंत बाद 10 हजार लोगों की तुरंत मौत हो गई थी। बाकी लोगों ने इलाज के दौरान और बीमारी से दम तोड़ दिया था। सालों तक इस हमले के चलते लोग मारे जाते रहे। (फोटो- Reuters)
अमेरिका ने तीन दिन बाद नागासाकी पर फैट मैन बम गिराया। इस हमले में 74000 लोग मारे गए थे। फैट मैन एक मोटे आदमी की तरह नजर आता था। (फोटो- Reuters)
अमेरिका ने इसे भी एयरफोर्स के बी-29 बॉम्बर विमान से 9 अगस्त को गिराया था। दुनिया का यह पहला मौका था, जब युद्ध में परमाणु बम का इस्तेमाल किया गया था। (फोटो- Reuters)
करीब 10 हजार लोगों की मौत इस हमले में तुरंत हो गई थी। जबकि सालों तक बीमारी और जख्मी लोगों की मौत होती रही। नागासाकी धमाके में जख्मी एक शख्स। (फोटो- Reuters)
नागासाकी शहर परमाणु बम हमले के बाद इस तरह से वीरान हो गया था। (फोटो- Reuters)
हिरोशिमा में बम धमाके से इस तरह नुकसान पहुंचा था। (फोटो- Reuters)
जापान के जवान सितंबर तक बम धमाके वाली जगह में रेस्क्यू करने में जुटे रहे थे। (फोटो- Reuters)
यह फोटो 17 मार्च 1948 की है। यानी हमले के तीन साल बाद की। लेकिन हमले की जगह सालों तक इस तरह वीरान नजर आती रही। (फोटो- Reuters)
नागासाकी में हमले के एक महीने बाद पहु्ंचे जापानी सैनिक। (फोटो- Reuters)
हिरोशिमा में 6 अगस्त को सुबह 8.15 बजे परमाणु बम गिरा था। उस वक्त ज्यादातर लोग सो रहे थे। इस घड़ी को हिरोशिमा शांति म्यूजियम में लगाया गया है। इसमें हिरोशिमा में बम गिरने का समय दर्शाया गया है। (फोटो- Reuters)