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अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट के दफ्तर के सामने कश्मीरी पंडितों का विरोध-प्रदर्शन; लगाए ये गंभीर आरोप
वॉशिंगटन. कश्मीरी पंडितों के एक समूह ने यहां अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कश्मीरी पंडितों का आरोप है कि जम्मू-कश्मीर में मौजूदा हालात पर वॉशिंगटन पोस्ट ने एकतरफा रिपोर्टिंग की है। हालांकि, अखबार ने बचाव करते हुए अपनी रिपोर्टिंग को सही, साफ और तथ्यात्मक बताया है।
| Published : Sep 08 2019, 01:08 PM
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प्रदर्शनकारियों का आरोप है जब से भारत सरकार ने संविधानिक तरीके से जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिया है, तभी से वॉशिंगटन पोस्ट लगातार एकतरफा, भेदभावपूर्ण रिपोर्टिंग कर रहा है।
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ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा ने वॉशिंगटन पोस्ट को दिए ज्ञापन में लिखा, आपने अपनी रिपोर्ट में उन कानूनी अराजकताओं का जिक्र नहीं है, जो धारा 370 और 35ए के चलते हुईं।
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वॉशिंगटन में अमेरिका के विभिन्न हिस्सों में रहने वाले कश्मीरी पंडित आए थे। प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थन में नारे भी लगाए। प्रदर्शन करने वाले ग्लोबल कश्मीरी पंडित डायस्पोरा का कहना है कि राज्य में कश्मीरी पंडितों के साथ हुए नरसंहार का रिपोर्टों में जिक्र नहीं दिया गया।
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इन प्रदर्शनों के मुख्य आयोजक मोहन सप्रू ने कहा, ''वॉशिंगटन पोस्ट की पक्षपातपूर्ण रिपोर्टिंग में इस सच को नजरअंदाज किया गया कि अनुच्छेद 370 और 35ए की वजह से अल्पसंख्यक, महिलाओं और समाज के कमजोर वर्ग के लोगों को लोकतांत्रिक अधिकारों से वंचित रखा गया। कश्मीर घाटी में भ्रष्टाचार काबू से बाहर हो गया, राज्य अलगावववाद की जमीन बन गया।
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जिस जगह पर कश्मीरी पंडित प्रदर्शन कर रहे थे, वहीं पाकिस्तानी अमेरिकियों और अलगाववादी कश्मीरियों-खालिस्तानियों के एक समूह ने वाशिंगटन पोस्ट के समर्थन में मूक प्रदर्शन किया। कुछ पाकिस्तानी समर्थकों ने भारतीय पत्रकारों को उनके प्रदर्शन को कवर करने से भी रोका।