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कराची बम ब्लास्ट: M.Phil-M.ed डिग्री लेकर आतंकवादी बन गई 2 बच्चों की मां, डॉक्टर पति बोला- तुमपर गर्व है
कराची. पाकिस्तान के कराची विश्वविद्यालय परिसर (Blast In Karachi University) में 26 अप्रैल 2022 को हुए आत्मघाती बम हमले (suicide bomb attack) से संबंधित कई हैरान करने वाली बातें सामने आ रही हैं। जिस महिला ने इस फिदायीन हमले को अंजाम दिया, वो पढ़ी-लिखी फैमिली से ताल्लुक रखती थी। वो एमएड और एमफिल थी, पति डॉक्टर हैं। इस हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने ली है। महिला ने कार में जबर्दस्त विस्फोट किया था। विश्वविद्यालय के एक प्रवक्ता ने बताया- मरने वालों में 3 चीनी नागरिक थे। उनकी पहचान कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट के निदेशक हुआंग गुइपिंग, डिंग मुपेंग और चेन साई( Huang Guiping, Ding Mupeng and Chen Sai) के रूप में हुई। चौथा मरने वाला वैन का ड्राइवर खालिद था। अफगान जर्नलिस्ट बशीर अहमद ग्वाख (Bashir Ahmad Gwakh) ने दावा किया कि आत्मघाती हमलावर महिला शैरी बलूच (Shari Baloch) के पति बशीर बलूच ने किसी अज्ञात जगह से ट्वीट करके कहा- उन्हें अपनी बीवी पर गर्व है। उन्होंने लिख- "शरी जान, आपके निस्वार्थ काम ने मुझे अवाक कर दिया। मैं गर्व से मुस्करा रहा हूं। महरोश और मीर हसन यह सोचकर गर्वत इंसान बनेंगे कि उनकी मां एक महान महिला थी।" हमले के बाद बलोच लिबरेशन आर्मी ने एक वीडियो जारी कर चीन-पाकिस्तान को धमकी देते हुए कहा- वे उन चीनियों को निशाना बनाएंगे, जो चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर यानी CPEC के लिए काम कर रहे हैं। बता दें, बलोचिस्तान के लोग CPEC का विरोध कर रहे हैं। जानिए कौन थी ये आत्मघाती हमलावर...
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शैरी के दो बच्चे हैं-8 साल की महरोश और चार साल का मीर हसन। ग्वाख ने ट्विटर पर यह भी उल्लेख किया कि परिवार पढ़ा-लिखा है। यही नहीं उसका किसी भी उग्रवादी सशस्त्र समूहों से कोई संबंध नहीं है। लेकिन शैरी कथित तौर पर दो साल पहले एक संगठन में शामिल हो गई थी। उसने खुद को 'आत्म-बलिदान मिशन(self-sacrificing mission) के लिए समर्पित किया था।
अफगान पत्रकार बशीर अहमद ग्वाख के अनुसार, 30 वर्षीय शैरी बलूच ने जूलॉजी में मास्टर डिग्री और एमफिल किया था। शैरी ने 2014 में बीएड, जबकि 2018 में एमएड किया था। उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे, जबकि पति एक दंत चिकित्सक(dentist) हैं। शैरी का पूरा परिवार पढ़े-लिखे विद्वानों से भरा है, जिनमें लेखक, डॉक्टर, प्रोफेसर आदि शामिल हैं। उनके एक चचेरे भाई को 2018 में केच जिले में पाकिस्तानी सेना ने मार गिराया था।
सीसीटीवी फुटेज में बुर्का पहने शैरी कन्फ्यूशियस इंस्टीट्यूट(University of Karachi-KU, Confucius Institute) के प्रवेश द्वार के बाहर खड़ी दिखाई दे रही थी। जैसे ही वैन संस्थान के प्रवेश द्वार के पास पहुंची महिला ने खुद को उड़ा लिया।
पिछले महीने ही सिक्योरिटी ने संस्थान के निदेशक को एक पत्र लिखा था, जिसमें परिसर के बाहर चीनी संकाय सदस्यों की गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की थी और उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया था कि वे अपने सुरक्षा विवरण के साथ ही यात्रा करें।
बता दें कि 2018 में कराची पुलिस ने चीनी वाणिज्य दूतावास पर प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी के विद्रोहियों के हमले को नाकाम किया था। एक और हमला, जिसका दावा बीएलए ने किया था, 2020 में पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में हुआ था, जहां चीनियों का बड़ा निवेश है।
टीवी पर ऐसी कई फुटेज सामने आईं, जिसमें एक सफेद वैन में आग की लपटें दिखाई दे रही हैं। धुएं के गुबार उठ रहे हैं। विस्फोट के असर से आसपास की इमारतों की खिड़कियां भी टूट गईं।
यह भी पढ़ें-पाकिस्तान : कराची यूनिवर्सिटी परिसर में ब्लास्ट, तीन चीनी नागरिकों सहित चार लोगों की मौत
यह भी जानें कि 2013 में कराची विश्वविद्यालय और चीन में सिचुआन नॉर्मल यूनिवर्सिटी(Sichuan Normal University) के बीच एक साझेदारी के हिस्से के रूप में स्थापित, कन्फ्यूशियस संस्थान का उद्देश्य चीनी भाषा और संस्कृति की अंतरराष्ट्रीय समझ को गहरा करना और चीन और पाकिस्तानी लोगों के बीच परस्पर आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।