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सीरिया में ISIS और कुर्द फोर्सेस के बीच भीषण लड़ाई की देखें Shocking तस्वीरें, अब तक 84 आतंकवादी ढेर
दमस्कस(Damascus). सीरिया में इस्लामिक स्टेट(ISIS) और कुर्द सेना के बीच पिछले 5 दिनों से जारी खूनी संघर्ष के चलते हजारों लोग अपना घर-बार छोड़कर पलायन करने को विवश हुए हैं। इन पांच दिनों में संघर्ष के दौरान 136 से अधिक लोगों की मौत की खबर है। यह खूनी संघर्ष 20 जनवरी से तब शुरू हुआ, जब ISIS के 100 से अधिक लड़ाकों ने अपने साथी आतंकवादियों को छुड़ाने हल-हसाका शहर की ग्वेरान जेल पर हमला कर दिया। आतंकियों के करीब 3 साल पहले क्षेत्र में अपने अंतिम गढ़ को गंवाने के बाद यह सबसे बड़ा हमला कहा जा रहा है। हाल के कुछ महीने में ISIS का स्लीपर सेल इराक और सीरिया में एक्टिव हो गया है। जेल पर हुए हमले में मरने वालों में एक लेफ्टिनेंट सहित 10 सैनिक भी शामिल हैं।
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सीरिया में ISIS के 100 से अधिक लड़ाकों ने भारी मशीन गन और विस्फोटकों से लदे वाहनों का इस्तेमाल करके ग्वेरान जेल पर हमला किया था। इसमें ISIS के करीब 3000 आतंकी बंद थे।
फोटो क्रेडिट-AFP
इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों ने शुक्रवार को सीरिया की एक जेल पर हमला करके कब्जा कर लिया। क्रेडिट एसोसिएटेड प्रेस।
कुर्द सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज के मुताबिक, आतंकवादियों के खिलाफ लड़ाई चरम पर है। इसमें ISIS के 84 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं। इस बीच यूनिसेफ ने रविवार को हिरासत में लिए गए 850 नाबालिगों की सुरक्षा की मांग उठाई है।
पश्चिमी एशिया (Western Asia) में अरब गणराज्य(Arab Republic) का देश सीरिया(Syria) गृह युद्ध के चलते सत्यानाश हो गया है। यहां न सिर्फ लाखों लोग मारे जा चुके हैं, घरबार बर्बाद हुए हैं, बल्कि एक पुरानी सभ्यता भी मटियामेट हो चुकी है। आतंकवादी संगठन अलकायदा(al Qaeda) ने सीरिया को अपना अड्डा बना रखा है। यहीं से वो दुनियाभर में आतंकी हमलों की साजिश रचता है।
बता दें कि सीरिया का इदलिब और पड़ोसी अलेप्पो का बड़ा हिस्सा सीरियाई सशस्त्र विपक्ष के हाथों में है, जो अल-कायदा से जुड़े हयात तहरीर अल-शाम सहित सशस्त्र समूहों का एक हिस्सा है। सीरिया में 2011 से गृहयुद्ध छिड़ा हुआ है। अब तक युद्ध में लगभग 5 लाख लोग मारे जा चुके हैं।
फोटो क्रेडिट-AFP
सीरिया को रूस और अमेरिका की प्रतिस्पर्धा ने बर्बादी के कगार पर पहुंचा दिया है। सीरिया में दोनों देश अपनी-अपनी ताकत दिखाते रहते हैं।
अरब क्रांति के बाद मार्च, 2011 में सीरिया के दक्षिणी शहर दाराआ में भी लोकतंत्र के समर्थन में आंदोलन शुरू हुए थे। इसके बाद तानाशाह बशर अल असाद ने विरोधियों को कुचलना शुरू किया। 2012 में सीरिया में गृहयुद्ध चरम पर पहुंच गया। अब यह देश बर्बाद हो चुका है।