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Bengal Election: आखिर शुभेंदु ने क्यों बोला ममता को घुसपैठियों की खाला, जानिए चौंकाने वाले कुछ फैक्ट्स
पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में बांग्लादेश और म्यांमार से भागे रोहिंग्या मुसलमानों की भारत में घुसपैठ एक ज्वलंत मुद्दा है। एनआरसी यानी The National Register of Citizens (NRC) के जरिये केंद्र सरकार घुसपैठियों की पहचान करना चाहती है। लेकिन इसे लेकर तृणमूल कांग्रेस(TMC) को आपत्ति है। नंदीग्राम से ममता के खिलाफ चुनाव में खड़े हुए शुभेंदु अधिकारी ने कुछ दिनों इसी मुद्दे पर ममता को घेरा था। उन्होंने ममता बनर्जी को घुसपैठियों और रोहिंग्या की खाला तक बताया था। बता दें कि हाल में जम्मू-कश्मीर में गैरकानूनी ढंग से रह रहे रोहिंग्याओं की स्क्रीनिंग शुरू हुई है। इसके तहत 155 रोहिंग्या मुसलमानों को हीरानगर(जम्मू) के होल्डिंग सेंटर में भेजा गया है। इसका सीधा असर पश्चिम बंगाल के चुनाव में देखा जा रहा है। जानिए..आखिर घुसपैठ पश्चिम बंगाल में एक बड़ी समस्या क्यों है....
| Published : Mar 12 2021, 06:20 PM IST / Updated: Mar 12 2021, 06:38 PM IST
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पश्चिम बंगाल से बांग्लादेश की करीब 2000 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है। यहां सीमा पर कोई बाड़ या कंटीली जालियां नहीं होने से लगातार घुसपैठ होती रहती है।
सुरक्षाबलों की जांच में सामने आया कि 2017 के आखिर और 2018 की शुरुआत में बांग्लादेश के रास्ते 5-6 हजार रोहिंग्या मुसलमान भी म्यांमार से भागकर भारत में घुस गए। कहा जाता है कि इस्लामिक संगठनों और कथित एनजीओ ने सीमावर्ती उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों में इनके बसने में मदद की। बारुईपुर, भांगड़, कैनिंग, बशीरहाट, घुटियारी शरीफ और बासंती ऐसे इलाके हैं, जहां इनकी मौजूदगी मिलती है।
कुछ समय पहले मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर हमदर्दी दिखाते हुए कहा था कि वे हमारे भाई हैं, इसलिए यहां रह सकते हैं। ममता का यही रुख देश की सुरक्षा के लिए संकट बना हुआ है।
सामने आया था कि देश बचाओ सामाजिक समिति नामक एक एनजीओ ने दक्षिण 24 परगना के बारुईपुर थाना स्थित हरदा गांव में सबसे पहले 16 अस्थायी कमरे बनवाकर 29 रोहिंग्याओं को बसाया था। इसके बाद हरदा के अलावा कलाड़ी गांव में 4000 रोहिंग्या को बसने में मदद की।
भाजपा पहले ही ऐलान कर चुकी है कि अगर पश्चिम बंगाल में उसकी सरकार बनी, तो यहां भी एनआरसी लागू किया जाएगा। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष का दावा है कि बंगाल में करीब 1 करोड़ से अधिक बांग्लादेशी घुसपैठिये मौजूद हैं। 2014 में चुनाव प्रचार के दौरान पश्चिम बंगाल के सीरमपुर में नरेंद्र मोदी ने कहा था कि घुसपैठियों को बोरिया-बिस्तर समेट लेना चाहिए।
बॉर्डर मैनेजमेंट टास्क फोर्स की वर्ष, 2000 की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 1.5 करोड़ बांग्लादेशी घुसपैठ कर चुके हैं। हर साल 3 लाख नये घुसपैठिये भारत में आ रहे हैं। यानी भारत में 4 करोड़ से अधिक घुसपैठिये मौजूद होंगे।
घुसपैठिये बंगाल के अलावा असम, उत्तर पूर्व के राज्य त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड में बस चुके हैं। इसके अलावा उड़ीसा, त्रिपुरा और छत्तीसगढ़ में भी इनकी संख्या सामने आई है।
(तस्वीरें अलग-अलग जगह की फाइल फोटोज हैं)