रणबीर-आलिया को क्यों पसंद आया रणथंभौर, क्या आपको पता इसके पीछे की कहानी
बॉलीवुड की हॉट जोड़ी रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की सगाई की खबरें मीडिया की सुर्खियों में बनी हुई हैं। यह जोड़ी अपने परिवार के साथ राजस्थान के रणथंभौर में मौजूद है। इनका ठिकाना राष्ट्रीय पार्क के नजदीक स्थित 'अमन-ए-खास रिसॉर्ट' है। इसे अमान-ए-खास भी कहते हैं। रणबीर और आलिया ही नहीं, रणथंभौर की भूमि सबको लुभाती है। रणथंभौर एक ऐतहासिक शहर है। यहां के किले को जीतने लंबे युद्ध लड़े गए। रणथंभौर अपने इतिहास और राष्ट्रीय पार्क के कारण हमेशा चर्चाओं में रहता है। ऐसा माना जाता है कि रणथंभौर के किले का निर्माण 10वीं शताब्दी में चौहान शासकों ने कराया था। हालांकि इससे पहले का मानता हैं। इस किले को यूनिस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है।
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रणबीर कपूर और आलिया भट्ट की लवस्टोरी का फाइनल डेस्टिनेशन बनने जा रहे रणथंभौर का इतिहास गौरवशाली रहा है। यह राजस्थान का पुराना शहर है, जो पर्यटन की दृष्टि से खास जगह रखता है। आइए देखते हैं रणथंभौर से जुड़ीं कुछ खास बातें...
रणथंभौर FACT : रणथंभौर किला सवाई माधोपुर रेलवे स्टेशन से 13 किमी दूर है। -यह किला 700 फीट की ऊंचाई पर 12 किमी परिधि में बना है।
रणथंभौर FACT: किला विंध्य पठार और अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित है। माना जाता है कि इस किले का निर्माण 8वीं शताब्दी में हुआ। हालांकि यह 11-12वीं शताब्दी में सामने आया। इसलिए यह भी कहते हैं कि इस किले का निर्माण चौहान शासक रंतिदेव ने कराया होगा।
रणथंभौर FACT : इतिहास में उल्लेख है कि 1192 ई. में तराइन के युद्ध में मुहम्मद गौरी के हाथों पृथ्वीराज चौहान पराजित हुए थे। पृथ्वीराज की ओर से 3 लाख सैनिकों ने युद्ध में हिस्सा लिया था। जबकि गौरी के पास सिर्फ एक लाख बीस हजार सैनिक थे। युद्ध में हारने के बाद पृथ्वीराज के पुत्र गोविंदराज दिल्ली और फिर अजमेर छोड़कर रणथंभौर आ गए थे। इस तरह करीब 100 सालों तक चौहान रणथंभौर पर शासन करते रहे।
रणथंभौर FACT : चौहान शासकों के बाद 1563 तक रणथंभौर पर मुसलमानों का शासन रहा। इसके बाद बूंदी के एक सरदार सामंत सिंह हाड़ा ने मुस्लिमों से यह किला छीन लिया। लेकिन 4 साल बाद मुगल बादशाह अकबर ने चित्तौड़ की चढ़ाई के बाद रणथंभौर को अपना निशाना बनाया। इसके बाद 1569 ई. में इस पर अकबर का अधिकार हो गया। अगले 100 साल तक मुगलों का इस पर कब्जा रहा।
रणथंभौर FACT : सुरक्षा के लिहाज से किले में 7 दरवाजे बनवाए गए थे। अंधेरी पोल नामक दरवाजा टेड़े-मेढ़े रास्ते पर खुलता है। यहां से दुश्मनों पर नजर रखी जाती थी।
रणथंभौर FACT : रणथंभौर इलाका अब उत्तर भारत के सबसे बड़े नेशनल पार्क के तौर पर भी जाना जाता है। इसकी स्थापना 1955 में की गई थी। 1973 में इसे प्रोजेक्ट टाइगर के पहले चरण में शामिल किया गया था। 1981 को इसे नेशनल पार्क का दर्जा मिला।