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नया खुलासा: 8 साल पहले सोने की खदान से फैला था कोरोना, चमगादड़ की पॉटी साफ़ करने वाले मजदूर थे पहले शिकार
हटके डेस्क: कोरोना वायरस को लेकर आए दिन नए-नए खुलासे होते रहते हैं। ये वायरस विकराल रूप धारण कर लोगों की जिंदगी तबाह कर रहा है। संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं लेकिन इसके इलाज को लेकर कोई अच्छी खबर सामने नहीं आ रही है। ये वायरस चीन से फैला है, इसे लेकर भी कई तरह के लॉजिक दिए जाते रहे हैं। कोई इसे वुहान के मीट मार्केट से फैला बता रहा है तो किसी ने चीन पर इसे लैब में बनाकर फैलाने का आरोप लगाया। अब आपको बता दें कि कोरोना को लेकर वैज्ञानिकों ने नया दावा किया है। उनका कहना है कि ये वायरस पिछले साल नहीं, बल्कि आज से आठ साल पहले ही फ़ैल गया था। बस उस समय इसकी स्पीड ज्यादा नहीं रही और तीन लोगों की जान ले ये शांत हो गया था। लेकिन इस बार ये आग की तरह फ़ैल गया।
| Published : Aug 17 2020, 10:06 AM IST / Updated: Aug 17 2020, 11:04 AM IST
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वैज्ञानिकों ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि कोरोना चीन के वुहान मीट मार्केट से नहीं, बल्कि चीन के एक खदान से फैला था। ये खदान चीन के यूनान प्रांत में मौजूद है। साथ ही ये वायरस पिछले साल नहीं फैला।
वैज्ञानिकों ने बताया कि 2008 में यूनान के मोजिआंग खदान में काम करने वाले 6 मजदुर कोरोना से ग्रस्त हुए थे। उनका जो सैंपल मिला है, उससे ये बात कंफर्म हुई है। इनमें से तीन की मौत हो गई थी।
ये 6 मजदुर इस खदान में चमगादड़ की पॉटी साफ़ करने का काम कर रहे थे। उसी के संपर्क में आने से सभी को ये वायरस हो गया था। लेकिन सबने इसे सर्दी-जुकाम समझ लिया था। लेकिन अब जब उनकी मेडिकल रिपोर्ट को चेक किया गया तो साफ़ हुआ कि असल में उन्हें कोरोना था।
द सन में छपी खबर के मुताबिक, इन 6 मजदूरों का इलाज करने वाले फिजिशियन ली सू ने बताया कि इन सभी को तेज बुखार हुआ था। साथ ही सुखी खांसी और बदन में दर्द की शिकायत के साथ लाया गया था। उस समय इसे वायरल समझा गया लेकिन अब कंफर्म हुआ कि असल में वो कोरोना से पीड़ित थे।
फिलहाल इस पूरे मामले की जांच वायरलॉजिस्ट जोनाथन लाथम और उनके साथ एलिसन विल्सन कर रहे हैं। दोनों उस डॉक्टर की थीसिस पढ़ रहे हैं, जिन्होंने इन मजदूरों का इलाज किया था। अभी तक ये पता लगाया जा रहा है कि असल में ये वायरस कैसे फैला। या इसकी उत्पत्ति कैसे हुई थी।
इन दोनों में से लाथम ने न्यूयॉर्क पोस्ट को दिए इंटरव्यू में कहा कि उन्हें पूरा यकीन है कि इसे लैब से फैलाया गया है। बस सबूतों की कमी है। साथ ही इस नई खबर के बाद उन्होने अपनी खोज को और तेजी से दी है।
अब वो उस डॉक्टर से उन मजदूरों के सैंपल लेने की कोशिश में जुट गए हैं। अगर ऐसा सही में था, तो अभी तक कोरोना को लेकर हुए सारे शोध बेकार हो सकते हैं। हालांकि, चमगादड़ से इसकी उत्पत्ति इस केस में भी देखने को मिल रही है।
अभी तक कोरोना को लेकर सबसे क्लियर लॉजिक यही है कि ये वायरस वुहान के वेट मार्केट से दिसंबर 2019 में फैला था। वहां खुले में चमगादड़ का मांस भी बेचे जाने की बात कही गई, जहां से ये वायरस इंसानों में फैला।