आतंकवादी ऐसे बरपाते हैं शहरों पर कहर
मोसुल: अमेरिका ने भले ही बगदादी को मारकर आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए अहम कदम उठाया हो, लेकिन आतंकियों द्वारा लोगों की जिंदगी में जो घाव दिया गया है, उसका असर आने वाले कई सालों तक देखा जा सकेगा। इनमें मोसुल शहर सबसे आगे हैं। इस शहर को आईएसआईएस ने पूरी तरह तबाह ही कर दिया। साल 2017 में इस शहर पर हमला कर आतंकियों ने 3 लाख लोगों के घर तबाह कर दिए थे। हमले के बाद कई लोगों ने वहां से पलायन कर लिया था, लेकिन कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो वापस इस शहर में आ गए। आज हम आपको दिखाने जा रहे हैं हमले के दो साल बाद वहां किस हाल में रह रहे हैं लोग....
| Updated : Oct 29 2019, 02:46 PM
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नार्वेजियन रेफ्यूजी कॉउंसिल के मुताबिक, हमले में बर्बाद हो जाने के दो साल बाद कई नागरिक वापस यहां रहने आ गए हैं। कॉउंसिल के आंकड़ों के मुताबिक, करीब तीन लाख लोग हमलों में अपना घर खो चुके हैं।
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आतंकवादी हमलों में करीब डेढ़ लाख घर तबाह हुए थे, जिनमें पचास हजार से ज्यादा सिर्फ वेस्ट मोसुल में थे। ज्यादातर परिवारों की सेविंग्स खत्म हो चुकी है और अब उनकी जिंदगी राहत कोष से मिल रहे खाने से चल रही है। मोसुल लौटे ज्यादातर लोगों को अपने घर फिर से रहने लायक बनाने पड़े। जिनके पास घर बनाने के लिए पैसे नहीं थे, वो अपने टूटे मकानों के बेसमेंट में रहने को मजबूर हैं। बच्चों के साथ रह रहे परिवार के दिन-रात बेसमेंट में ही बीतते हैं। आतंकियों के हमले के बाद से कई लोग टेंट लगाकर रहने को मजबूर हैं। वापस आए कई लोगों को मोसुल में जिंदा बम भी मिले। ये बम हमले के बाद फट नहीं पाए थे। मोसुल वापस आए लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहां ना तो दवाइयां हैं ना नौकरी। लोगों की जिंदगी बिना पैसों के काफी मुश्किल से कट रही है। आतंकियों ने हमले में पूरा शहर तबाह कर दिया। शहर
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मोसुल लौटे ज्यादातर लोगों को अपने घर फिर से रहने लायक बनाने पड़े।
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जिनके पास घर बनाने के लिए पैसे नहीं थे, वो अपने टूटे मकानों के बेसमेंट में रहने को मजबूर हैं।
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बच्चों के साथ रह रहे परिवार के दिन-रात बेसमेंट में ही बीतते हैं।
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आतंकियों के हमले के बाद से कई लोग टेंट लगाकर रहने को मजबूर हैं।
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मोसुल वापस आए लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहां ना तो दवाइयां हैं ना नौकरी। लोगों की जिंदगी बिना पैसों के काफी मुश्किल से कट रही है। वापस आए कई लोगों को मोसुल में जिंदा बम भी मिले। ये बम हमले के बाद फट नहीं पाए थे।
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आतंकियों ने हमले में पूरा शहर तबाह कर दिया। शहर के मस्जिद तक तबाह हो गए।