पति के बिना क्या करती हैं नौसेना जवानों की पत्नियां, घर पर अकेले ऐसे बिताती है दिन
हटके डेस्क : नौसेना के जाबाजों के लिए हर साल 4 दिसंबर को इंडियन नेवी डे (Indian Navy Day 2020) मनाया जाता है। नौसेना दिवस (Navy Day) 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में इंडियन नेवी (Indian Navy) की जीत के जश्न के रूप में भी मनाया जाता है। वैसे तो हमें नेवी ऑफिसर्स की जिंदगी बहुत प्रभावशाली लगती है, लेकिन वास्तव में उनकी लाइफ में काफी मुश्किल होती है। उन्हें कई-कई महीने अपने घरवालों से दूर समुद्र में बिताने पड़ते हैं, जहां ना नेटवर्क होता है, ना कोई सिग्नल। लेकिन सबसे ज्यादा मुश्किलें अगर किसी को झेलनी पड़ती है, तो वो है उनकी फैमिली को। खासकर एक ऑफिसर की वाइफ को। आइए आज नेवी डे पर हम आपको बताते हैं, कि एक नौसेना के जावन की बीवी कैसे अपना जीवन जीती है।
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'ऑपरेशन ट्राइडेंट' के तहत 4 दिसंबर 1971 को भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के कराची नौसैनिक अड्डे पर हमला बोल दिया था। इस ऑपरेशन की सफलता को ध्यान में रखते हुए 4 दिसंबर को हर साल नौसेना दिवस मनाया जाता है।
भारतीय नौसेना दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी नौसेना है। हमारी नेवी में लगभग 55 हजार सैनिक हैं। समय-समय पर भारतीय नौसेना ने अपने हुनर का परिचय दिया है।
एक नेवी ऑफिसर की जिंदगी काफी मुश्किलों से भरी होती है, दूर से भले ही हम कहे कि इनकी लाइफ सेट है, लेकिन वास्तव में महीनों कई बार साल भर अपने घर वालों से दूर रहकर इन नेवी अफसर को देश की सेवा करनी पड़ती है।
इंडियन नेवी ऑफिसर की वाइफ होना काफी मुश्किल का काम है। अपने पति से महीनों दूर रहना सोच से परे हैं। कुछ समय पहले सोशल मीडिया प्लेटफार्म कोरा पर कई ऑफिसर्स की वाइफ ने अपने पति के बिना बिताए जाने वाले वक्त को लोगों के साथ शेयर भी किया था।
नौसेना जवान हर दिन 9 से 5 की ड्यूटी नहीं करते। वो हर बार सात से दस दिनों का बोलकर जाते हैं, जो कभी-कभी महीनों तक खिंच जाता है। मिशन पर जाते वक्त गर्व तो सभी के मन में होता है, लेकिन एक पत्नी होने के नाते एक डर भी हमेशा सताता रहता है।
नेवी ऑफिसर की वाइफ कहती हैं कि लोगों को ऐसा लगता है कि ऑफिसर की फैमिली बंगले में रहती है। लेकिन ऐसा नहीं है। वो लोग किसी आम CPWD के घर में रहते हैं। उनका ज्यादातर समय पति की फैमिली और बच्चों में गुजर जाता है।
नेवी ऑफिसर्स की पत्नियों के लिए सबसे ज्यादा मुश्किल तब होती है, जब उनके छोटे बच्चे पूछते है कि पापा कब आएंगे? बच्चों की देखभाल से लेकर, सास-ससुर की सेवा और बाहर का काम भी महिलाओं को ही करना पड़ता है।
ऑफिसर की वाइफ होना काफी मुश्किल है। उन्हें कई बार घर चेंज करना पड़ता है। साथ ही सारी पैकिंग भी अकेले करनी पड़ती है। वो कहती हैं कि कई त्योहार बिना पति के ही बीत जाते हैं।
हालांकि जब भी उनके पति घर आते है, तो उनका सारा वक्त परिवार का होता है। इस दिन के लिए वो इंतजार कर लेती हैं।