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ना पानी-ना सोडा, हर दिन नीट ही 7 पेग पेशाब पीता है ये शख्स, साबुन की जगह टॉयलेट रगड़ मिलता है प्रेमिका से
हटके डेस्क: आप और हम कई तरह की बीमारियों के इलाज के लिए घरेलू नुस्खे अपनाते हैं। जब मामला खुद के कंट्रोल से बाहर हो जाता है, तब जाकर हम डॉक्टर से कंसल्ट करते हैं। घरेलू उपायों में भी आपने काढ़ा पीना या किसी नॉर्मल तरीके के बारे में ही सुना होगा। लेकिन जर्मनी में रहने वाले एक शख्स ने अपने स्वस्थ जीवन का जो सीक्रेट बताया है, उसे जानने के बाद शायद आपको उलटी आ जाए। इस शख्स का दावा है कि हर रोज अपना ही पेशाब पीने के कारण बीते कई सालों से ये बीमार नहीं पड़ा है। साथ ही उसे काफी चुस्ती-फुर्ती का अहसास होता है। इतना ही नहीं, वो पेशाब को ही अपनी बॉडी पर रगड़ता है। उसका कहना है कि इससे उसकी स्किन ग्लो करती है। अपने पेशाब का वो और भी कई तरीकों से इस्तेमाल करता है। लेकिन इन सबके बारे में उसने अपनी प्रेमिका को कुछ नहीं बताया है।
| Published : Sep 04 2020, 12:31 PM IST
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जर्मनी के हैम्बर्ग में रहने वाले 26 साल के जैन सचुनेमान इन दिनों चर्चा में है। लेकिन उनकी चर्चा बेहद घिनौने कारण से हो रही है। जैन ने दावा किया है कि बीते कई सालों से अपना पेशाब पीने की वजह से उनकी तबियत खराब नहीं हुई है।
जैन ने खुलासा किया कि वो कई सालों से हर दिन 7 पेग पेशाब पीता है। इसमें ना वो पानी मिलाता है ना कोई और चीज। सीधे पेशाब को घटघट पी जाता है।
इतना ही नहीं, वो पेशाब को एक सिरिंज से अपनी आंखों, नाक और कान में भी डालता है। उसका कहना है कि ऐसा करने से वो बीमार नहीं पड़ता। उसकी इम्युनिटी काफी स्ट्रांग हो गई है।
जैन स्पोर्ट्स कोच और स्टूडेंट भी है। वो हर दिन तीन से सात पेग पेशाब पीता है। उसका कहना है कि ये तरीका डिप्रेशन से भी बचाता है। वो पेशाब को अपनी स्किन पर भी मलता है।
हालांकि, इस आदत के बारे में उसने अपनी प्रेमिका को नहीं बताया है। जैन का कहना है कि लगातार पेशाब पीने की वजह से वो कभी बीमार नहीं पड़ते। उन्होंने अपनी इस आदत के कई फायदे भी गिनाए।
पेशाब पीने के कारण जैन को काफी एनर्जी मिलती है। वो कहते हैं कि उन्हें कभी थकावट महसूस नहीं होती। साथ ही रात को उन्हें चार से सात घंटे की नींद आती है।
जैन ने पेशाब को हर बीमारी और वायरस का इलाज बताया है। उन्होंने कहा कि ये बॉडी का अपना नेचुरल वैक्सीन है, जिसे लगाने के बाद उसे कोई बीमारी हाथ नहीं लगा पाती।
वो पेशाब को आईड्रॉप, इयरड्राप की तरह भी इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने इसे यूरिन थेरेपी का नाम दिया है। इसके लिए वो इंडियन कल्चर को थैंक्स कहते हैं। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन शिवाम्बु कल्प के बारे में पढ़कर उन्हें ये सीक्रेट मिला था।
जैन का कहना है कि पहले वो डिप्रेस और कमजोर महसूस करते थे। लेकिन अब उनकी दुनिया बदल गई है। वो काफी फुर्तीला और अच्छा महसूस करते हैं। उन्होंने अन्य लोगों से भी इसे अपनाने की अपील की है।