रातभर झुंड बनाकर पकड़ते हैं मोटे ताजे चूहे, फिर सुबह सुबह सजती है मंडी
असम: देशभर में नागरिकता कानून के बाद से हिंसात्मक माहौल है। गुवाहाटी में तो लगभग हर खाद्य सामग्री के दाम आसमान में पहुंच गए हैं। सब्जियां मंडी तक पहुंच ही नहीं पा रही है। चिकन भी यहां 500 रुपए प्रति किलो बिक रहे हैं। आज हम आपको असम में लगने वाली एक ऐसी मंडी के बारे में बताने जा रहे हैं जहां उमड़ी भीड़ ना सब्जी खरीदती है ना चिकन। ये है असम के बक्सा जिले में लगने वाली खास मंडी। ये मंडी सिर्फ रविवार को लगती है और इसमें बिकते हैं चूहे। आइये दिखाते हैं आपको इस मंडी की झलक...
| Updated : Dec 16 2019, 02:48 PM
1 Min read
Share this Photo Gallery
- FB
- TW
- Linkdin
15
)
नॉर्थ-ईस्ट में लोग चूहों को पारंपरिक भोजन की तरह खाते हैं। यहां चूहे का मांस मुर्गी के दाम यानी 200 रुपए किलो बिकता है।
25
बक्सा जिले के कुमारिकता गांव इंडिया और भूटान की सीमा में बढ़ता है। ये गांव गुवाहाटी से 90 किलोमीटर की दूरी पर है। इस गांव में लोग सुबह-सुबह ताजे-ताजे चूहे खरीदने आते हैं।
35
इस इलाके में चूहे का मांस मुर्गी और सूअर के मांस से ज्यादा चाव से खाया जाता है।
45
रात में लोग इलाके के बीहड़ जगहों में जाकर बड़े-बड़े चूहे पकड़ते हैं। ये चूहे बांस के पास और खेतों के किनारे रहते हैं। वहां से इन्हें पकड़ा जाता है।
55
इसके अगले दिन चूहों की मंडी सजती है। जहां लोग आकर चूहे खरीदते हैं।