कोरोना के बाद अब चीन में मिला 'जिंदा' डायनासोर, साढ़े 12 करोड़ सालों से जमीन के नीचे था छिपा
हटके डेस्क: 2020 ने लोगों को कई तरह के सरप्राइजेस दिए हैं। एक के बाद यहां कई आपदाएं देखने को मिली। पहले जहां ऑस्ट्रेलिया में आग ने तबाही मचाई लेकिन उसके बाद दुनिया में कोरोना ने तबाही मचाई। चीन के वुहान से इस वायरस की शुरुआत हुई थी लेकिन अब ये दुनिया के लगभग हर हिस्से में पहुंच गया है। लेकिन अब चीन में एक और चीज की खोज की गई है। आर्कियोलॉजिस्ट्स ने चीन में साढ़े 12 करोड़ साल पुराना डायनासोर का फॉसिल ढूंढ निकाला है। जिस हाल में ये डायनासोर मिला, उसे देख कर कोई हैरान है। ऐसा लग रहा है जैसे किसी ने इसे कुछ ही दिन पहले ही दफनाया था। ये बिलकुल सुरक्षित हालत में मिला। सबसे बड़ी बात कि ये प्रजाति नई है। इसके बारे में किसी को नहीं पता था। इतने करोड़ों साल के बाद इसका पता चला है।
| Published : Sep 10 2020, 03:35 PM IST / Updated: Sep 10 2020, 04:22 PM IST
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नॉर्थ चीन में साइंटिस्ट्स को डायनासोर की एक नई प्रजाति का फॉसिल मिला है। एक ही जगह पर उन्होंने दो फॉसिल्स बरामद किये। ये दोनों एक ज्वालामुखी के पास से मिले, जिससे ये अंदाजा लगाया गया कि इनकी मौत ज्वालामुखी विस्फोट से हुई होगी।
चीनी साइंटिस्ट्स ने इस प्रजाति का नाम "Changmiania liaoningensis" रखा है। चीनी भाषा में Changmian का मतलब हमेशा की नींद है। चूंकि ये फॉसिल इतने साल बाद मिला इसलिए इसे ये नाम दिया गया है।
इस खोज के सूत्रधार रहे पास्कल गॉडफ्रोइट ने बताया कि प्राकृतिक तरीकों से ये फॉसिल सुरक्षित रहे। इतने लंबे समय से ये पृथ्वी में दबे थे। लेकिन ऐसा लगता है जैसे हाल ही में ऐसा हुआ हो।
उन्होंने बताया कि इन फॉसिल्स को देखकर ऐसा लगता है जैसे अब ये बोल उठेंगे। ये इतने सुरक्षित है कि यकीन मुश्किल है। इसके पीछे उन्होंने लहर प्रक्रिया को जिम्मेदार ठहराया।
अब हम आपको बताते हैं लहर प्रक्रिया के बारे में। इस प्रक्रिया में अचानक ही ज्वालामुखी के गर्म लावा के नीचे कोई चीज दब जाती है और वो करोड़ों साल तक वैसी ही रह जाती है।
साइंटिस्ट्स के मुताबिक, डायनासोर जमीन के नीचे रहते थे। ये खरगोश की तरह से जमीन में गड्ढे कर रहते थे। जिस हाल में डायनसोर मिला उससे ऐसा लगता है जैसे उस वक्त ये सो रहे थे।
इस डायनासोर के कंकाल को चीन के लिओनियंग के Paleontological Museum में ले जाकर रखा गया है। इस जगह पर बीते 20 सालों से मिले कंकाल को संभाला गया है।