इन 4 लोगों की जान लेकर ही पीछा छोड़ता है कोरोना, हुए संक्रमित तो मौत की गारंटी
हटके डेस्क: कोरोना वायरस ने दुनिया में आतंक मचा दिया है। इस वायरस की चपेट में आने के बाद बचने के चांसेस कम हैं क्यूंकि अभी तक इसका कोई इलाज नहीं मिला है। इम्युनिटी पॉवर के आधार पर लोग इस वायरस को मात दे रहे हैं। वायरस को लेकर दुनियाभर के कई साइंटिस्ट्स शोध कर रहे हैं। आए दिन इसे लेकर नई-नई जानकारियां सामने आती जा रही हैं। कोई इस वायरस के नए सिम्पटम्स बता रहा है तो कोई इसके फैलने के नए तरीके। इस बीच एक रिसर्च में एक्सपर्ट्स ने इस बात का खुलासा किया कि आखिर वो कौन लोग हैं, जिन्हें अपनी चपेट में लेने के बाद कोरोना सिर्फ मौत देता है? जी हां, वैसे लोग जिनमें कुछ ख़ास लक्षण पाए जाते हैं, वो कोरोना वायरस से आसानी से हार जाते हैं और फिर उन्हें मिलती है मौत...
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साउथ कोरिया के Yeungnam University Medical Center के प्रोफेसर्स ने अभी तक कोरोना से हुई मौत के आधार पर कुछ ख़ास क्राइटेरिया फिक्स किये हैं, जिनके आधार पर ये कहा जा रहा है कि अगर इन लक्षणों वाले इंसान को कोरोना होता है तो उनके बचने के चान्सेस काफी कम है।
इन मरीजों को हाइएस्ट रिस्क जोन में रखा गया है। अगर इन लक्षण के साथ कोरोना हुआ तो जान बचना बेहद मुश्किल है। इस रिसर्च में 110 मरीजों को लाइव स्टडी किया गया।
ये 110 मरीज 19 फरवरी से 15 अप्रैल के बीच अस्पताल लाए गए थे। इनमें जिन लोगों में एक्सपर्ट्स को चार लक्षण मिले, उनकी मौत हो गई। इन चार लक्षणों में से कोई एक भी अगर मरीज में थी, तो उनकी जान नहीं बच पाई।
इसमें सबसे पहला नंबर है डायबटीज। जिन लोगों को शुगर है, उन्हें अगर कोरोना हुआ, तो बचना नामुमकिन है। दुनिया में अभी तक कोरोना से हुई कुल मौतों में सबसे अधिक लोग शुगर से ग्रस्त थे।
दूसरे नंबर पर आते हैं वो लोग जिनकी बॉडी का तापमान ज्यादा होता है। ऐसे लोगों की बॉडी में कोरोना अच्छे से सेटल कर जाता है और मरीज को देता है मौत।
तीसरे नंबंर पर आते हैं वो लोग जिनकी बॉडी में ऑक्सीजन की कमी रहती है। कोरोना का एक लक्षण है सांस लेने में दिक्कत। ऐसे में जिनकी बॉडी में ऑक्सीजन की कमी होती है, उन्हें ये वायरस आसानी से मौत दे देता है।
आखिरी लक्षण जो रिसर्च में जारी किया गया है वो है दिल की समस्या। अगर किसी शख्स को पहले दिल संबंधी बीमारी रही है, तो कोरोना से लड़ने में उसकी बॉडी काफी कमजोर पहले ही हो चुकी है। ऐसे में मौत के चान्सेस काफी ज्यादा बढ़ जाते हैं।