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कैंसर पीड़ित टीचर ने हॉस्पिटल से ली बच्चों की ऑनलाअन क्लास, वीडियो देखकर लोगों ने कहा- आप ग्रेट हो
हटके डेस्क : कोरोना वायरस को लेकर दुनियाभर में किए गए लॉकडाउन के बाद लगभग सभी चीजें पहले की तरह सुचारू रूप से चलने लगी है, लेकिन स्कूल खुलने की स्थिति अभी भी साफ नहीं हुई है। जब से स्कूल कॉलेज और कोचिंग सेंटर बंद हो गए तो टीचर्स ने ऑनलाइन क्लासेस लेना शुरू कर दिया। जूम एप पर चल रही ऑनलाइन क्लास, यूट्यूब पर भी डेली वीडियो अपलोड कर टीचर भी ऑनलाइन क्लास रूम चलाने लगे हैं। लेकिन हाल ही में एक ऑनलाइन क्लास का वीडियो वायरल हुआ, जिसे देखकर लोगों की रूह कांप गई। दरअसल, टेक्सास की एक टीचर कैंसर की जंग लड़ने के साथ ही अपने स्टूडेंट्स को पढ़ाई भी करवा रही हैं। उनकी तस्वीरों और वीडियो को देखकर एक तरफ लोग उनके हौसलें की तारीफ कर रहे है, तो वहीं कई लोग इसे सरकार की क्रूरता बता रहे हैं।
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गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा के इस श्लोक का पूरा करते एक शिक्षक की कहानी सामने आई है। जिन्होंने अपनी बीमारी को अपने छात्रों के जीवन पर बाधा नहीं बनने दिया और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के बाद भी अपने स्टूडेंस की क्लासेस ली।
2 बार कैंसर से बचीं टेक्सास की रहने वाली स्टेफनी ह्यूम की हाल ही में एक इमरजेंसी सर्जरी हुई। कैंसर से जंग लड़ रही स्टेफनी ने सर्जरी के कुछ घंटों बाद ही बच्चों की ऑनलाइन क्लास लेने शुरू कर दी।
कोरोना के कारण दुनियाभर के कई स्कूल-कॉलेज अभी भी बंद है। ऐसे में ऑनलाइन क्लासेस के जरिए ही टीचर्स अपने छात्रों की पढ़ाई पूरी करवा रहे हैं।
स्टेफनी ह्यूम भी जूम के जरिए ही अपनी क्लासेस ले रही थी। लेकिन हाल ही में हुई सर्जरी के चलते वह कुछ समय के लिए क्लास नहीं ले पाई। लेकिन जैसे ही उन्हें होश आया वह अस्पताल के बिस्तर से ही छात्रों को पढ़ाने लगी।
जिस किसी ने भी स्टेफनी की ये तस्वीर देखी वो खुद को रोक नहीं पाया, किसी ने उनकी जिंदादिली को सलाम किया, तो किसी ने कहा कि आप ग्रेट हो।
वहीं, कुछ यूजर्स ने उनकी तस्वीर को शेयर कर लिखा कि 'यह दिल तोड़ने वाली कहानी ही नहीं, बल्कि सरकार के ऊपर कलंक है। उन्होंने कहा है कि किसी भी शिक्षक को ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं होना चाहिए और यह छात्रों को गलत मैसेज देता है'।
हालांकि स्टेफनी ह्यूम के एक समर्पित शिक्षक होने में कोई शक नहीं है, लेकिन लोगों का कहना है कि सरकार को शिक्षकों की बेहतर सुरक्षा करनी चाहिए, ताकि उन्हें ऐसा करने की आवश्यकता महसूस न हो।