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Purvanchal Expressway पर दौड़ेगा विकास, फर्राटा भर सकेंगे फाइटर प्लेन, एडवांस सिस्टम से सेफ्टी, जाने खासियतें
सुल्तानपुर (उत्तर-प्रदेश) : चुनावी मौसम में यूपी वासियों को बड़ा तोहफा मिलने जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (narendra modi) आज पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे (Purvanchal Expressway) का लोकार्पण करेंगे। लखनऊ (lucknow) से आजमगढ़ (Azamgarh) और मऊ (Mau) होते हुए गाजीपुर तक 340.824 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस-वे पर वाहन फर्राटा भरेंगे तो पूर्वांचल के लोगों के लिए तरक्की की राह भी खुलेगी। एक्सप्रेस-वे के दायरे में आने वाले जिलों में कारोबारी गतिविधियों को नया विस्तार मिलेगा। दोनों तरफ इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाए जाएंगे। करीब 60 लाख लोगों को रोजगार मिलने का रास्ता भी साफ हो जाएगा। इससे विकास की रफ्तार को पंख लगेंगे। तस्वीरों में देखिए Purvanchal Expressway..
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पूर्वांचल को प्रदेश की राजधानी लखनऊ से जोड़ने बनाया गया यह एक्सप्रेस-वे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) का मेगा प्रोजेक्ट है। 22,494 करोड़ की लागत से तैयार हुआ यह एक्सप्रेस वे पूर्वांचल के विकास में नई इबारत लिखेगा। 341 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेस-वे 6 लेन का होगा, जिस पर दूरी करीब साढ़े तीन घंटे में पूरी की जा सकेगी।
गाजीपुर के हैदरिया गांव से शुरू होने वाला यह एक्सप्रेस लखनऊ में चांद सराय गांव पर जाकर खत्म होगा। यह एक्सप्रेस वे गाजीपुर के बाद मऊ, आजमगढ़, अंबेडकर नगर, अयोध्या, सुल्तानपुर, अमेठी, बाराबंकी से होकर गुजरेगा। गाजीपुर से अब सिर्फ 10 घंटे में देश की राजधानी दिल्ली (delhi) पहुंचा जा सकेगा। अब तक यह सफर 20 घंटे से ज्यादा का होता था।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे 6 लेन का है, बाद में इसे 8 लेन भी किया जा सकता है। इस एक्सप्रेस-वे पर 18 फ्लाईओवर, 7 आरओबी, 7 बड़े पुल, 118 छोटे पुल, 13 इंटरचेंज, 271 अंडरपास और 503 पुलियां, 6 टोल प्लाजा, 5 रैंप प्लाजा हैं।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को इस तरह से तैयार किया गया है कि इमरजेंसी में उस पर फाइटर प्लेन उतारे जा सकें। इस एक्सप्रेस-वे पर 3.20 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी लड़ाकू विमानों के टेक ऑफ और लैंडिंग के लिए बनाई गई है।
एक्सप्रेस-वे के आसपास के क्षेत्र को औद्योगिक विकास के नजरिए से विकसित किया जाएगा और इसके दोनों तरफ इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाया जाएगा। इन गलियारों में फूड प्रोसेसिंग, MSME यूनिट्स, वेयरहाउस और लॉजिस्टिक पार्क बनाने की योजना पर काम हो रहा है। बेहतर कनेक्टिविटी से उद्योगों से सामान प्रदेश से एक्सपोर्ट हो सकेगा।
एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ इंडस्ट्रियल कलस्टर बनने से करीब 60 हजार लोगों को रोजगार मिलने का रास्ता खुलेगा। इससे निवेश को भी बढ़ावा मिलेगा और विकास को रफ्तार मिलेगी।
341 किलोमीटर वाले इस एक्सप्रेस-वे की डिजाइन स्पीड 120 किमी प्रतिघंटा है, लेकिन इसकी निर्धारित स्पीड 100 किमी प्रतिघंटा है। इससे कई जिलों की दूरी कम हो जाएगी और वहां पहुंचने के लिए कम समय लगेगा।
इस एक्सप्रेस-वे पर सुरक्षा के लिए एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू किया गया है। इस हाइवे के दोनों ओर फेंसिंग की गई है ताकि आवारा पशुओं की वजह से हादसे न हों। क्रैश बैरियर, एंबुलेंस, सिक्योरिटी फोर्स का भी इंतजाम किया गया है। हाइवे पर 20 पेट्रोलिंग वाहनों को भी तैनात किया जाना है।
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को निर्माणाधीन गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे और बलिया लिंक एक्सप्रेस-वे से भी जोड़ा जाएगा। दो लिंक एक्सप्रेस-वे से जोड़कर पूर्वी उत्तर प्रदेश में विकास की रफ्तार तेज की जाएगी। इससे गोरखपुर, संतकबीर नगर, बलिया समेत करीब आधा दर्जन अतिरिक्त जिले पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जुड़ जाएंगे।
17 किमी लंबी, फोर लेन चौड़ी बक्सर-गाजीपुर एलिवेटेड रोड (बक्सर में भरौली से गाजीपुर में हैदरिया तक) के पूरा होने पर, उत्तर-प्रदेश में लखनऊ पूर्वांचल एक्सप्रेसवे और NH-922 द्वारा बिहार के आरा और पटना से सीधे जुड़ जाएगा।