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9वीं पास है आतंकी अबू यूसुफ, पत्नी ने कहा-अब माफ कर दो, पिता बोले-पता होता तो घर से निकाल देता
लखनऊ ( Uttar Pradesh) । दिल्ली से गिरफ्तार इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) अबू युसुफ के भतीजे समेत तीन लोगों को पुलिस ने हिरासत में लिया है। इसके बाद टीम वापस दिल्ली रवाना हो गई है। वहीं, मीडिया से पिता वकील अहमद ने कहा कि मुझे उसकी (बेटा) की इस करतूत के बारे में पता नहीं था। वरना उसे रोकता या घर से निकाल देता। वहीं, पत्नी आशया ने खुलासा किया कि बच्चों का भी हवाला दिया था और कहा था सभी बर्बाद हो जाएंगे। लेकिन, उन्होंने नहीं सुना। अब उन्होंने अपना गुनाह कबूल कर लिया है है। उन्हें माफ़ कर दीजिए।
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पत्नी आयशा ने बताया कि आईएसआईएस के संदिग्ध आतंकी अबू यूसुफ टेलीग्राम के माध्यम से कुछ लोगों से जुड़े थे। मैंने कई बार समझाया था कि ये सब छोड़ दो। हमारे बच्चे बर्बाद हो जाएंगे। वो यू ट्यूब पर वीडियो देखते थे और तकरीरें सुनते थे। उन्होंने अपनी गलती कबूल कर ली है। उन्हें माफ कर दिया जाए। वो शुक्रवार को घर से लखनऊ जाने को निकले थे घर से प्रेशर कुकर ले गए थे।
पिता कफील अहमद ने बताया था कि अबू युसूफ 9वीं तक पढ़ा है। 2005 में 6 महीने दुबई में टूरिस्ट वीजा पर था। दुबई से लौटकर कुछ समय वह हैदराबाद में रहा था। 2006 से 2011 से सऊदी अरब में रहा। 2011 में अबू यूसुफ का निकाह आयशा से हुई। 2015 में 15 दिन के लिए खाड़ी देश कतर में उसने काम किया।
पिता वफील के मुताबिक कतर से लौटकर सीधे उत्तराखंड गया। उत्तराखंड में एक दुर्घटना का शिकार हुआ। रीढ़ की हड्डी में अबू को चोट लगी थी, जिसके बाद उसने उतरौला में कास्मेटिक की दुकान खोली। लेकिन, दुकान पर वह बहुत कम बैठता था। ज्यादा समय यू ट्यूब पर वीडियो और तकरीरें देखने में बिताता था।
वकील अहमद को बेटे की करतूत पर अफसोस है। उन्होंने कहा कि पुरखों (मरहूम बुजुर्गों) ने जो इज्जत कमाई, बेटे ने उसे मिट्टी में मिला दिया। मैंने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट थाने में लिखवाई थी। अब तो जो भी करेगी, पुलिस करेगी। मैं चाहता हूं कि एक मर्तबा उसे माफी दे दें। वो दोबारा करे तो कुछ भी कर दीजिएगा।
भाई आकिब ने कहा कि मुझे आईएस के झंडे की पहचान नहीं है। मगर, रात को झंडा देखा। काले रंग के झंडे पर सफेद रंग से अरबी में 'अल्लाह हू अकबर ला इलाहा इल्लल्लाह मुहम्मदुन रसूलुल्लाह' लिखा था। भाई सऊदी और अन्य जगहों पर रहा है।