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आज 93 साल का हुआ यह बैंक, यहां जमा होता है पुण्य और कर्ज में मिलता है राम नाम
वाराणसी (Uttar Pradesh) । धर्मनगरी वाराणसी में एक ऐसा अनोखा बैंक है, जिसका रुपयों पैसे से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है। यह बैंक आज 93 साल का हो चुका है। इतना ही नहीं इस बैंक के लाखों खाताधारक हैं। इस बैंक का नाम राम रमापति बैंक है। लेकिन, आज तक किसी ने एक भी रुपए यहां जमा नहीं किया। जी हां यहां रुपए के नाम पर पुण्य जमा होता और कर्ज में मिलता है राम नाम। बता दें कि इस वर्ष कोरोना के कारण यह बैंक बंद है। लेकिन, इसकी आस्था और विश्वास इस आपदा के घड़ी में भी उतनी ही मजबूत है।
| Published : Apr 02 2020, 04:24 PM
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वाराणसी के विश्वनाथ गली में यह बैंक है। इस बैंक में रखी पोटलियों में रुपए नहीं, बल्कि राम नाम से लिखे कागजात हैं। जिनकी संख्या अरबों हो गई है। इस बैंक में बाकायदा कर्मचारी भी नियुक्त हैं। ये उपभोक्ताओं को खाता खुलवाने से लेकर अन्य कामों को करते हैं।
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राम रमापति बैंक में उपभोक्ताओं का खाता भी खोला जाता है। इसके लिए उपभोक्ताओं का फॉर्म भी भरा जाता है, जिससे इस बैंक में राम भक्त को प्रवेश मिलता है। फॉर्म में पूरे नियम लिखे गए है, जिसमें रामभक्त का नाम और पते के साथ ही व्यक्ति को राम नाम के कर्ज का कारण भरना पड़ता है और साथ में अपनी मन्नत।
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इस बैंक के मैनेजर चंद्र कुमार मल्होत्रा ने बताया कि बैंक में कर्ज के रूप में सवा लाख 'जय श्री राम' नाम का कर्ज दिया जाता है, जिसे उपभोक्ता यानी राम भक्त को नियम के अनुसार भरना पड़ता है। इसके लिए बैंक भक्त को राम बुक से लेकर कलम तक मुहैया कराता है।
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इस बुक को ब्रह्म मुहूर्त में बिना मास-मदिरा के सेवन के साथ ही भरना होता है। ऐसा करने से इस राम नाम के कर्ज को पूरा कर इस बैंक में वापस जमा करने से ब्याज के रूप में उसकी मनोकामना पूर्ण होती है।
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इस बैंक में अब तक एक अरब से भी ज्यादा राम नामावली जमा हो चुकी है। यहां राम भक्त हर वर्ष राम नवमी को अपना खाता खुलवाने आते हैं। भले ही इस वर्ष कोरोना के कारण ये बैंक बंद है। लेकिन, इसकी आस्था और विश्वास इस आपदा के घड़ी में भी उतनी ही मजबूत है।