इस नाविक के बुलावे पर प्रियंका गांधी आई प्रयागराज, जानिये पूरा मामला
प्रयागराज (Uttar Pradesh)। कांग्रेस पार्टी निषाद समुदाय में सियासी पैठ जमानेकी कोशिश में लगी है। बीते दिनों नाव की पतवार थामने के बाद अब पार्टी की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी निषाद समुदाय को साथ लेकर सियासी गणित हल करने की कोशिश में जुट गई हैं। अब वह रविवार को 20 बाई 20 की तंग गलियों से तकरीबन 300 मीटर पैदल चलकर बसवार गांव के टीले पर पहुंचीं। वहां निषाद समुदाय के बीच वह एक घंटे 45 मिनट रहीं। टीले के नीचे महिलाओं से बात कर उनकी जीवनशैली समझीं।
| Published : Feb 21 2021, 10:49 AM IST / Updated: Feb 21 2021, 02:51 PM IST
- FB
- TW
- Linkdin
12 जनवरी को मौनी अमावस्या पर संगम में डुबकी लगाने के बाद प्रियंका ने शिवकुटी के मेंहदौरी निवासी नाविक सुजीत निषाद से संगम की उफनाती लहरों के बीच पतवार अपने हाथ में थाम लिया था। साथ ही नाविक से परिवार के बारे में भी जानकारी ली थी।
प्रियंका गांधी ने नाविक सुजीत से जब बात कर उसके घर परिवार और रोजी-रोटी के बारे में पूछा तो उसने खुद की तीन बेटियां होने के साथ एक भाड़े की नाव चलाने के चलते परिवार का सही से भरण-पोषण न कर पाने की बात बताई थी। साथ ही उसने बसवार गांव के निषादों और मछुआरों की पुलिस द्वारा नाव भी तोड़ दिए जाने की जानकारी देकर प्रियंका गांधी को बसवार आने का निमंत्रण भी दिया था।
प्रियंका गांधी ने नाविक के मना करने पर भी दो हजार रुपए दिए थे। उन्होंने यह कहकर मजबूत किया कि यह बच्चों के मिठाई के लिए है। तब कहा था कि घर में कहना दीदी ने दिया है। साथ ही यह भी वादा कर गईं कि अगली बार आऊंगी तो आपकी ही नाव में बैठूंगी।
प्रियंका कांग्रेस को सियासी भंवर से निकालने के साथ निषाद समुदाय को मिशन-2022 की खेवनहार बनाने के लिए गांव भी जा सकती हैं। वहां किसी नाविक के घर पर भोजन और नाश्ता भी कर सकती हैं।