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मनीष हत्याकांड: पत्नी ने शेयर की पति की खून से लथपथ लाश की तस्वीर, सामने आई मौत से ठीक पहले की भी फोटो
गोरखपुर (उत्तर प्रदेश). कानपुर के प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता (manish gupta murder case) की हत्या का मामला अब राजनीतिक होता दिखाई दे रहा है। एक तरफ जहां गुरुवार को सपा नेता अखिलेश यादव ने पीड़ित परिवार से मिले। साथ ही 20 लाख की मदद करते हुए सरकार पर जमकर हमला बोला। वहीं दूसरी तरफ सीएम योगी भी इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के अधीन 2 कमेटियां बनाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। लेकिन इन सबके बीच मनीष की पत्नी मीनाक्षी का रो-रोकर बुरा हाल है। वह इंसाफ की आस में मासूम बेटे को गोद में लेकर इधर-उधर भटक रही है। इसी बीच पीड़िता ने पति की खून से लथपथ लाश की फोटो ट्वविटर पर शेयर की है। बता दें कि मृतक की पत्नी ने पुलिस पर आरोप लगाए हैं कि पुलिस की मारपीट में ही उसके पति की जान गई है। देखिए वह तस्वीर जिसे पत्नी ने शेयर की है...
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दरअसल, मनीष गुप्ता की हत्या को आज तीन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक हत्यारों के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई है। बुधवार सुबह मनीष का शव गोरखपुर से कानपुर लाया गया। लेकिन परिजन अंतिम संस्कार करने के लिए राजी नहीं हुए। उनकी मांग थी कि जब तक दोषियों पर कार्रवाई नहीं हो जाती और सीएम योगी से नहीं मिलेंगे वह अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। हालांकि बाद में पुलिस ने किसी तरह पीड़ित परिवार को मनाकर अंतिम संस्कार कर दिया।
बिलखती पत्नी मीनाक्षी ने पति की खून से लथपथ हालत में तस्वीर शेयर की है। साथ ही अपना दर्द भी बयां किया है। मीनाक्षी ने लिखा-''मित्रो, अब हो गई मैं अकेली ,चले गए,हमे छोड़ कर मनीष। अब देना होगा आप सब को मेरा साथ, दिलाना है अब निर्दोष मनीष जी को न्याय। आप सबके साथ की जरूरत है मेरे बच्चे को''
वहीं उस वक्त की तस्वीर सामने आई है, जब गोरखपुर पुलिस होटल में चेकिंग करने के लिए गई थी। यह तस्वीर मनीष के मौत के चंद मिनटों के पहले की बताई जा रही है। इसमें साफ तौर पर पुलिसकर्मी होटल में मनीष और उनके दोस्तों की तलाशी लेते हुए दिखाई दे रहे हैं। जिसमें रामगढ़ताल थाना इंचार्ज जगत नारायण सिंह और सब इंस्पेक्टर अक्षय मिश्रा दिख रहे हैं।
पीड़िता मीनाक्षी ने पुलिस पर कई तरह के आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि जिस दौरान मनीष का शव गोरखपुर से कानपुर ला रहे थे तो साथ में 15 पुलिसकर्मी थे। उन्होंने बीच में कहीं गाड़ी भी नहीं रोकी। मेरा मासूम बच्चा भूख से तड़पता रहा, मौं कार रोकने का कहती रही, लेकिन उन्होंने गाड़ी नहीं रोकी। वहीं सामजवादी पार्टी ने भी पुलिस के इस रवैये पर हमला बोला है। भाजपा सरकार में पुलिस का स्तर संवेदनशीलता की शून्यता से भी नीचे जा चुका है। सपाा ने कहा ''गोरखपुर में व्यापारी मनीष गुप्ता की हत्या के बाद पुलिस को उनके बच्चे पर भी दया नहीं आई। रास्ते भर बच्चा भूख से तड़पता रहा लेकिन पुलिस वालों ने गाड़ी नहीं रोकी, शर्मनाक! अत्याचार की सारी हदें पार।
बता दें कि 27 सितंबर को मनीष गुप्ता अपने दो दोस्तों हरदीप सिंह चौहान और प्रदीप सिंह चौहान के साथ गोरखपुर घूमने गए थे। यहां पर वह एक होटल में रुके थे। इसी दौरान आधी रात पुलिस होटल में चेकिंग करने पहुंची। मनीष गहरी नींद में थे तो पुलिस ने उनको सोते हुए जगाया तो मनीष ने कहा कि इतनी रात में क्यों जगा रहे हो, क्या हम आतंकी हैं। बताया जाता है कि इसी बात पर पुलिस ने मनीष को पीटना शुरू कर दिया। जहां वह गंभीर रुप से घायल हो गए। आनन-फानन में पुलिसवाले अस्पताल लेकर गए, लेकिन डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।