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UP में बड़े कारोबारियों के साथ ठेले-रेहड़ीवालों की भी होगी मदद, CM योगी की ऐसी है तैयारी
लखनऊ (Uttar Pradesh) । यूपी के बड़े कारोबारियों के साथ-साथ रेहड़ी, खोमचा, पटरी व्यवसायी करने वालों की योगी सरकार ने मदद करने का फैसला की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि ठेला, रेहड़ी, खोमचा, पटरी व्यवसायी समेत रोज कमाने और खाने वालों पर कोरोना की वजह से मार पड़ी है। इसके तहत केंद्र सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की भी घोषणा की गई है। इस पैकेज में सरकार हर वर्ग का ख्याल रखने की कोशिश कर रही है। रेहड़ी-पटरी और ठेले पर समान बेचने वाले 50 लाख लोगों को लोन देने के लिए 5 हजार करोड़ रुपए की व्यवस्था आर्थिक पैकेज के तहत की गई है। इस स्कीम में प्रति व्यक्ति अधिकतम 10 हजार रुपये का लोन मिलेगा।
| Published : May 17 2020, 12:03 PM IST
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रेहड़ी, पटरी, फेरीवालों के लिए सरकार एक महीने में ऋण योजना लाएगी। इसके तहत 50 लाख फेरीवालों को 5 हजार करोड़ रुपए की ऋण सहायता दी जाएगी। ये आसानी से 10 हजार रुपए तक का ऋण ले सकते हैं।
सरकार की मंशा है कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद रेहड़ी, पटरी और फेरीवाले अपना काम दोबारा शुरू कर सकें। मोबाइल से पेमेंट करने वाले ऐसे फेरीवालों को प्रोत्साहन दिया जाएगा और आने वाले समय में उन्हें अतिरिक्त लोन मिल सकेगा।
निवेश को आकर्षित करने के प्रयासों के साथ ही योगी सरकार ने अब उद्योगों की स्थापना के लिए उत्तर प्रदेश में मजबूत लैंडबैंक जुटाने पर भी काम शुरू कर दिया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने औद्योगिक विकास विभाग और राजस्व विभाग को आपसी तालमेल के साथ जल्द भूमि चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में उद्योगों की स्थापना के लिए पर्याप्त भूमि है। लैंडबैंक तैयार करते समय इस बात पर भी विचार करें कि उसमें औद्योगिक इकाइयों के अलावा हाउसिंग, बाजार और अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा सकें।
यूपी में पहले से ही ठेला, रेहड़ी, खोमचा, पटरी व्यवसायी को आच्छादित कर के राशन के साथ-साथ इन्हें भरण-पोषण भत्ता देने की व्यवस्था की है। अब इन सबको इस पैकेज के दायरे में लाकर इन्हें 10 हजार रुपये की आसान किस्तों में लोन देने का फैसला हुआ है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ठेला, रेहड़ी, खोमचा, पटरी व्यवसायी समेत रोज कमाने और खाने वालों पर कोरोना की वजह से मार पड़ी है।
बता दें कि इस योजना के तहत देश में लगभग चार करोड़ ठेला और पटरी व्यवसायी इससे लाभान्वित होंगे। इसी तरह एमएसएमई और पावर सेक्टर के लिए हुई घोषणाएं स्वागतयोग्य हैं।