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डॉन मुन्ना बजरंगी से थी नजदीकी,..लेकिन हत्या के बाद बना मुख्तारअंसारी का खास,जानिए मेराज भाई की पूरी कुंडली
चित्रकूट/वाराणसी । जिला जेल चित्रकूट में शुक्रवार को गैंगवार हो गया। इस दौरान पश्चिमी यूपी के गैंगेस्टर अंशु दीक्षित ने मुख्तार अंसारी के खास गुर्गे मेराज और मुकीम काला की गोली मारकर हत्या कर दी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दर्जनों राउंड गोलियां चलीं,भारी पुलिस बल ने जेल के अंदर ही अंशुल दीक्षित का एनकाउंटर कर दिया। ऐसे में हम आपको मेराजुद्दीन उर्फ मेराज अली मुख्तार के गुनाहों की पूरी कहानी बता रहे हैं, जिसकी ईद के ही दिन जेल में हत्या कर दिए जाने से परिवार के लोगों में मातम का माहौल है। बता दें कि मेराज मुख्तार गैंग का सदस्य था। हालांकि उसकी नजदीकी मुन्ना बजरंगी से ज्यादा थी। बता दें कि जुलाई 2018 मुन्ना की बागपत जेल में हत्या कर दी गई थी।
| Published : May 14 2021, 04:32 PM IST / Updated: May 14 2021, 04:34 PM IST
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साल 2006 में बड़ी मात्रा में हेरोइन के साथ पकड़ा गया था। मुख्तार के तर्ज पर मेराज भी खुद के वाहन का नम्बर भी एक रखता था। तीन वाहनों के नम्बर थे 2500-2500 हैं। अब वो मुख्तार गैंग का इस सदस्य बताया जाता है। चर्चाओं की माने तो गैंग के लिए असलहों का इंतजाम करता था। वह फर्जी दस्तावेजों पर असलहों का लाइसेंस बनवाने का मास्टरमाइंड था।
मेराजुद्दीन उर्फ मेराज अली को पिछले साल अक्टूबर में वाराणसी में जैतपुरा थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया था। छानबीन में फर्जी तरीके से बनवाए गए नौ लाइसेंसी पिस्टल और रायफल की जानकारी हुई थी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक साल 2015 में मुन्ना बजरंगी के खास तारिक की लखनऊ में गोली मारकर हत्या की गई। तारिक के घर से पुलिस को लाइसेंस रायफल बरामद हुई, जो बाद में फर्जी पाई गई। बताया जा रहा है कि इस रायफल का लाइसेंस भी मेराज ने ही नागालैंड से बनवाया था।
20 मार्च 2021 को वाराणसी जेल से चित्रकूट जेल उसका ट्रांसफर हुआ था। मुकीम काला 7 मई 2021 को चित्रकूट जेल आया था। उस पर जमीन पर कब्जा, रंगदारी और धमकी देने के कई मामले दर्ज है।