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दीवाली से पहले ही जगमगाने लगी अयोध्या, तस्वीरों में देखिए अद्भुत नजारा..जो रचने जा रहीं विश्व कीर्तिमान
अयोध्या (उत्तर प्रदेश). दीपावली (Diwali 2021) आने में अभी 4 से 5 दिन बाकी हैं, लेकिन रामनगरी आयोध्या ( Ram Janm Bhumi Ayodhya) अभी से रंग-बिरंगी लाइटों से जगमगाने लगी है। एक बार फिर यहां ऐतिहासिक दीपोत्सव (deepotsav in ayodhya) मानने की तैयारी की जा रही है। जो कि एक नया विश्व कीर्तिमान रचेगी। राम मंदिर निर्माण के बीच यहां दीवाली धूम-धाम से सेलिब्रेट की तैयारियां जोरों से की जा रही है। यह काम अब अंतिम चरणों में पहुंच चुका है। तस्वीरों में देखिए दीपोत्सव की पहली झलक...
| Published : Oct 30 2021, 05:25 PM IST / Updated: Oct 30 2021, 05:29 PM IST
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दरअसल, अयोध्या में 2021 दीवाली पर 12 लाख दीप प्रज्जवलित करने की तैयारी है। साथ ही इस दिन कई सांस्कृतिक व साहित्यिक कार्यक्रम भी होंगे। वहीं 3 नवंबर को सरयू नदी के तट पर छोटी दिवाली के दिन दीपोत्सव का कार्यक्रम रखा गया है। लेकिन अभी से यानि चार दिन पहले ही पूरे घाट सज कर तैयार हैं।
बता दें कि अयोध्या को सजाने और रंग-बिरंगे स्पेशल लाइटें लगाने के लिए देश की राजधानी दिल्ली से करीब 100 लोगों की टीम बुलाई गई। जो कि रामनगरी में जगह-जगह पर लाइटें लगा रही है। उन्होंने अभी से पूरे शहर को लाइटों से पाट दिया है।
इस दीवाली पर आयोध्या में 20 गेटों का निर्माण किया जा रहा है। जिनके जरिए राम कथा के विभिन्न प्रसंगों का सीरियल पेश किया जाएगा। अयोध्या आने वाले लोग राम कथा को एक क्रम से देख कर संपूर्ण कथा की जानकारी ले सकेंगे।
जानकारी के मुताबिक, दीवाली पर दियों का यह नया विश्व कीर्तिमान 3 नवंबर शाम 6 बजे से शुरू होगा। जिसके तहत राम की पैडी में 9 लाख दीप एक साथ प्रज्जवलित किए जाएंगे। वहीं अयोध्या शहर में तीन लाख दीपक जलाए जाएंगे। इस तरह 12 लाख दीपों का प्रज्जवलन एक साथ होगा।
दीवाली से एक दिन पहले इस ऐतिहासिक दिन पर दीपोउत्सव के साथ 3डी होलोग्रैफिक शो, लेजर शो और आतिशबाजी देखने को मिलेगी। इनता ही नहीं रामलीला के मंचन के लिए श्रीलंका के सांस्कृतिक दल को आमंत्रित किया गया है।
अयोध्या में 1 नवंबर से 5 नवंबर तक चलने वाले सांसकृतिक कार्यक्रमों में अलग-अलग विधा के रंग देखने को मिलेंगे। जिसमें पहले दिन 1 नवंबर को जनकपुर (नेपाल) के सांस्कृतिक दल द्वारा भी रामलीला का मंचन होगा। पांच दिनों के कार्यक्रम में जम्मू कश्मीर, गुजरात, असम, कर्नाटक और पश्चिम बंगाल की रामलीलाओं का भी मंचन होगा।